उत्तर प्रदेश में जल्द की जाएगी गिद्धों की गणना

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उत्तर प्रदेश में जल्द ही लखनऊ विश्वविद्यालय में वन्यजीव संरक्षण संस्थान (आईडब्ल्यूसी) द्वारा गिद्धों (Vultures) की गणना की जाएगी। वन कर्मियों, एनजीओ प्रतिनिधियों और एवियन स्वयंसेवकों के लिए एक वर्कशॉप 21 से 30 सितंबर के बीच वेबिनार के माध्यम से आयोजित की जाएगी। इसका उद्देश्य प्रतिभागियों को गिद्ध मैपिंग के लिए प्रशिक्षित करना है।

एवियन प्रजातियों की सुरक्षा और संरक्षण के प्रयास

यह कदम विलुप्त होने के कगार पर पहुंची एवियन प्रजातियों की सुरक्षा और संरक्षण के प्रयास का एक हिस्सा है।

राज्य सरकार ने गिद्धगणना के लिए 16 लाख रुपये की मंजूरी दी है।

लखनऊ विश्वविद्यालय में प्राणि विज्ञान विभाग की प्रोफेसर अमिता कनौजिया ने कहा, “इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) के अनुसार, भारत में गिद्धों की नौ प्रजातियों में से आठ उत्तर प्रदेश में पाई जाती हैं, आठ में से चार ‘गंभीर रूप से संकटग्रस्त’ की श्रेणी में हैं। एक ‘लुप्तप्राय’ में और तीन लगभग खतरे की श्रेणी में हैं।”

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