गाय की आत्मा की शांति के लिए रखा भोज, हजारों की संख्या में पहुंचे लोग

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‘हमारी गौरी(gauri) हमें छोड़कर चली गई है। उसकी आत्मा की शांति के लिए 15 अप्रैल को तेरहवीं का भोज है। आप जरूर आएं।’काकड़ा गांव निवासी देवप्रकाश शर्मा की यह गौरी(gauri) एक गाय थी, जो 13 वर्षों में उनके परिवार का हिस्सा बन गई थी। उसकी मौत के बाद रविवार को परिवार ने बकायदा भोज दिया। इसके लिए कार्ड बांटकर आसपास के कई गांवों में बांटा गया। भोज में एक हजार से अधिक लोग आए थे, जिनमें क्षेत्रीय विधायक अजीतपाल त्यागी भी थे।

2004 में खरीदी थी गाय

काकड़ा गांव निवासी किसान देवप्रकाश शर्मा ने दिसंबर 2004 में गांव में ही रहने वाले ग्राम प्रधान सतीश त्यागी से दो हजार रुपये में एक गाय खरीदी थी। उन्होंने इसे नाम दिया गौरी। गत 31 मार्च को किसी जहरीले कीड़े के काटने से गाय की मौत हो गई थी। देवप्रकाश ने तब बैंड-बाजे के साथ उसकी शवयात्रा निकाली थी, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए थे। इसके बाद उन्होंने तय किया था कि अपनी गौरी से जुड़ा अंतिम संस्कार अलग ढंग से करेंगे। रविवार को गौ माता की स्मृति में हवन यज्ञ किया गया। इसके बाद भोज हुआ।

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अनूठी थी गौरी

देवप्रकाश शर्मा ने बताया कि जब उन्होंने गौरी को खरीदा था, तब उसने एक बछिया को जन्म दिया था। इसके बाद उसने कभी प्रजनन नहीं किया, लेकिन लगातार दूध दे रही थी। गाय 10 से लेकर 14 लीटर तक दूध देती थी। इस संबंध में पशु चिकित्सालय के प्रभारी डॉ. राहुल अग्रवाल ने बताया कि हार्मोन्स बढ़ने के कारण गाय लगातार बिना प्रजनन के दूध देती रहती है। गाय का दूध सामान्य रहता है। उन्होंने बताया कि ऐसा एक हजार में से एक केस में होता है।

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