मुलायम सिंह यादव को लेकर शिवपाल ने दिया बड़ा बयान

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सपा में लगातार उपेक्षा और अपमान सहने के बाद अलग पार्टी बना चुके सपा शिवपाल यादव ने फिलहाल सपा पार्टी में वापसी की बात से इंकार किया है।

सपा अपमानित होने से नाराज होकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया (प्रसपा) बनाने वाले शिवपाल सिंह यादव ने सपा में वापसी की संभावनाओं से इनकार करते हुए दावा किया है कि उनकी पार्टी अगले लोकसभा चुनाव के बाद किंगमेकर साबित होगी।

शिवपाल ने दावा किया, ‘‘केंद्र में अगली सरकार हमारी पार्टी की मदद के बिना नहीं बन सकेगी। हमारी पार्टी पिछले तीन महीनों के अंदर एक बड़ी ताकत बनकर उभरी है. प्रदेश के सभी 75 जिलों में हमारा संगठन तैयार है और जनता अब हमें एक राजनीतिक शक्ति के तौर पर देखने लगी है।

घर वापसी’ की संभावना से इनकार

सपा के संस्थापक सदस्यों में शुमार किये जाने वाले शिवपाल ने अपने पुराने ‘घर‘ में लौटने की संभावनाओं से भी इनकार किया। उनसे सपा नेता आजम खां के उस बयान के बारे में पूछा गया था जिसमें उन्होंने हालात अनुकूल होने पर पूरे यादव परिवार के एक साथ आने की बात कही थी।

शिवपाल ने कहा, ‘‘प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का सपा में विलय करने या मेरी सपा में वापसी का कोई सवाल ही नहीं उठता। हालांकि मैं भाजपा जैसी सांप्रदायिक शक्ति को सत्ता से दूर रखने के लिये समान विचारधारा वाली पार्टियों से गठबंधन करने को तैयार हूं। मगर वह भी तब होगा, जब हमें सम्मानजनक संख्या में सीटें मिलेंगी।

सपा-बसपा गठबंधन पर सवाल

उन्होंने कहा कि प्रसपा के गठन के बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश के लगभग हर जिले का दौरा किया है. उन्हें हर जगह उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली है। अगर किसी पार्टी से गठबंधन नहीं हुआ तो प्रसपा प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। सपा-बसपा के गठबंधन पर सवाल उठाते हुए शिवपाल ने कहा, ‘‘क्या दोनों पार्टियों की विचारधारा मेल खाती है? क्या बसपा पर विश्वास किया जा सकता है? कोई भरोसा नहीं है कि वह कब गठबंधन में शामिल हो और कब अलग हो जाए।

सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव का आशीर्वाद हासिल होने या ना होने के सवाल पर पूर्व कैबिनेट मंत्री ने कहा, ‘‘अब यह कोई सवाल नहीं रह गया है। मैंने कदम आगे बढ़ा दिये हैं। अब सवाल प्रदेश और देश का है। साथ ही इस बात का भी सवाल है कि हम सांप्रदायिक शक्तियों को कैसे रोकते हैं।  हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वह मुलायम से प्रसपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ने का आग्रह करेंगे। अगर वह इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करते तो उनकी पार्टी चुनाव में उनका समर्थन करेगी, चाहे वह जहां से भी मैदान में उतरें।

कांग्रेस से गठबंधन की संभावना के सवाल पर शिवपाल ने कहा कि अभी उनकी कांग्रेस के किसी भी नेता से बात नहीं हुई है. हालांकि हमें यह ध्यान रखना चाहिये कि कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी है और वह भाजपा को रोककर केंद्र में सरकार बना सकती है।

उन्होंने कहा कि अगर सपा, बसपा और कांग्रेस भाजपा को रोकना चाहती हैं और प्रसपा को सम्मानजनक संख्या में सीटें देती हैं तो हम निश्चित रूप से गठबंधन में शामिल होंगे। शिवपाल ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी ‘किसान, जवान और मुसलमान’ का मुद्दा उठाएगी और उनके हितों की रक्षा के लिये संघर्ष करेगी।

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