जो देश अपनी धरोहर को भूल जाता है, वह अपनी पहचान खो देता है : पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी मिलने के बाद देश की धरोहरों की ‘उपेक्षा’ पर मंगलवार को अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस पर निशाना साधा और चेताते हुए कहा ‘जो देश अपनी धरोहर को भूल जाता है, वह अपनी पहचान खो देता है।’ भारत में पहले अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) का उद्घाटन करते हुए मोदी ने कहा कोई भी देश तबतक आगे नहीं बढ़ सकता जबतक वह अपने इतिहास और धरोहर की अहमियत नहीं समझता और इसे संजोकर नहीं रखता।

उन्होंने कहा, “जो देश अपनी धरोहर को भूल जाते हैं, वे अपनी पहचान खो देते हैं।”प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भारत स्वतंत्र नहीं था तो योग और आयुर्वेद जैसे इसके ज्ञान व परंपरा के महत्व को कम करने और भारतीयों का इनमें विश्वास घटाने का प्रयास किया गया।मोदी ने कहा, “लेकिन जब हम स्वतंत्र हुए, ऐसी उम्मीद जगी कि समय के साथ बदलाव आएंगे और धरोहरों की रक्षा की जाएगी लेकिन यह हमारी प्राथमिकता नहीं बन सका।”

उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता से पहले ‘हमारी ताकत को कुचलने का प्रयास किया गया’ और इसके बाद ‘काफी लंबा समय रहा जब हमारी इस ताकत को भुलाने का प्रयास किया गया।’मोदी ने कहा कि इन सब वजहों से ऐसी चीजें जो सदियों से हमारे यहां थीं, उनका पेटेंट दूसरे देशों ने करा लिया।मोदी ने कहा, “लेकिन, पिछले तीन वर्षो में परिस्थिति में व्यापक बदलाव आया है। हमारी विरासत जो कि अव्वल है, लोगों के दिमाग में जगह बना रही है।”

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उन्होंने कहा, “इस जरूरत को समझते हुए, हमारी सरकार सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को योग, आयुर्वेद और आयुष पद्धति के साथ एकीकृत करना चाहती है।”प्रधानमंत्री ने कहा कि आयुर्वेद के विस्तार के लिए यह जरूरी है कि हर जिले में आयुर्वेद से जुड़ा अच्छी स्वास्थ्य सुविधाओं से युक्त अस्पताल हो।उन्होंने कहा, आयुष मंत्रालय इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है और केवल तीन वर्षो में 65 से ज्यादा आयुष अस्पताल स्थापित हो चुके हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार गरीबों को सस्ती स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लक्ष्य से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार निवारक स्वास्थ्य सुविधाओं और सामथ्र्य व इलाज की पहुंच में सुधार की दिशा में काम कर रही है।

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