कानुपर शूटआउट मामले की कवरेज करने जा रहे थे फोटो जर्नलिस्ट संजय त्रिपाठी, हार्ट अटैक से हुआ निधन

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उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में हुए शूटआउट मामले से पूरे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। राजनीति से लेकर आम जनता तक इस मामले को लेकर काफी आक्रोश में हैं। गुरुवार देर रात हुई इस घटना में शातिर बदमाशों की ताबड़तोड़ फायरिंग से सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों शहीद हो गए।

हृदय गति रुकने से मौत

वहीं इसकी जानकारी मिलने पर शुक्रवार सुबह खबर के कवरेज के लिए फोटो जर्नलिस्ट संजय त्रिपाठी का हृदय गति रुक जाने से असमय निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार सुबह 10:00 बजे कानपुर के भैरव घाट में किया गया।

हार्ट अटैक से हुआ फोटो जर्नलिस्ट संजय त्रिपाठी का निधन

जानकारी के मुताबिक, ‘हिन्दुस्तान’ अखबार के फोटो जर्नलिस्ट संजय त्रिपाठी भी शिवली में विकास दुबे द्वारा 8 पुलिस वालों को मार दिए जाने की घटना के कवरेज के लिए घर से निकले थे। संजय कवरेज से पहले परमट मंदिर में दर्शन करने भगवान के सामने मत्था टेकने गए थे। उन्होंने शनि देव मंदिर में जैसे ही माथा टेका, वैसे ही वे वहीं गिर पड़े, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। आनन-फानन में उन्हें हैलट अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

साथी पत्रकारों और मित्रजनों ने दी भावपूर्ण श्रद्धांजलि

राजधानी के वरिष्ठ फोटो जर्नलिस्ट संजय त्रिपाठी को आज उनके साथी पत्रकारों, प्रेस छायाकारों और मित्रजनों ने भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। उत्तर प्रदेश फोटो जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के कार्यालय में हुई शोक सभा में मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के अध्यक्ष हेमंत तिवारी ने स्वर्गीय संजय त्रिपाठी को याद करते हुए कहा कि उनके व्यक्तित्व में ऐसा जादू था कि हर कोई उनका मित्र बन जाता था। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय त्रिपाठी की भरपाई संभव नहीं है, लेकिन उन्हें हमेशा याद रखने के लिए हर साल उनकी स्मृति में एक छायाचित्र प्रदर्शनी और अवार्ड का आयोजन किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि प्रदेश शासन के वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत के बाद दिवंगत फोटो जर्नलिस्ट के परिवार को आर्थिक सहायता दिए जाने सम्बन्धी औपचारिकता पूरी कर ली गयी है और इस पर सकारात्मक आश्वासन प्राप्त हुआ है।

प्रदेश सरकार से 20 लाख रूपये की आर्थिक सहायता की मांग

पूर्व मंत्री यशवंत सिंह ने कहा कि संजय त्रिपाठी के व्यक्तित्व और कृतित्व में उनकी सादगी और योग्यता कोई भी महसूस कर सकता था। उत्तर प्रदेश फोटो जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप शाह कुमांया ने स्वर्गीय त्रिपाठी को अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि करीब तीन दशकों के साथ के दौरान उन्होंने स्वर्गीय त्रिपाठी को कभी किसी पर नाराज होते नहीं देखा। वरिष्ठ पत्रकार भाष्कर दुबे ने स्वर्गीय त्रिपाठी के साथ काम करने के अपने अनुभव को याद करते हुए कहा कि ऐसे व्यक्ति विरले होते हैं, जिनकी कमी हमेशा खलेगी। वरिष्ठ पत्रकार धीरेन्द्र श्रीवास्ताव, वरिष्ठ फोटो जर्नलिस्ट गोपी रस्तोगी और आदर्श व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय गुप्ता ने भी स्वर्गीय संजय त्रिपाठी से जुड़े अपने संस्मरण व्यक्त करते हुए उन्हें नई पीढ़ी के पत्रकारों और फोटो जर्नलिस्ट के लिए आदर्श बताया।

कोरोना संक्रमण बन रहा तनाव की वजह!

गौर करने वाली बात यह है कि लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण की वजह से फोटोग्राफर और रिपोर्टर काफी टेंशन में रहते हैं। जिससे कि नींद पूरी न होने और अत्यधिक तनाव होने का असर हार्ट पर पड़ रहा है।

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