पासबुक के साथ-साथ 'चेकबंदी' कर सकती हैं ‘मोदी सरकार'

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पिछले साल की गई नोटबंदी के बाद से ही सरकार की लगातार कोशिश है देशभर में कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा दिया जाए, ताकि भ्रष्टाचार और काले धन पर लगाम लगाई जा सके। इसी को ध्यान में रखते हुए अब केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार बैंकों में मिलने वाली चेक की सुविधा को भी खत्म कर सकती है।

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महासचिव प्रवीण खंडेलवाल के शब्द
फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) का कहना है कि नरेंद्र मोदी सरकार जल्द ही चेक की व्यवस्था को खत्म करने का आदेश जारी कर सकती है। संगठन के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल का कहना है कि सरकार क्रेडिट और डेबिट कार्डों के इस्तेमाल को लगातार बढ़ावा दे रही है। इसे अधिक सुचारु और लोकप्रिय बनाने के लिए वह चेकबुक की सुविधा को भी खत्म कर सकती है।

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 नोटों की छपाई को बताया अतिरिक्त खर्च
CAIT महासचिव के मुताबिक नोटबंदी से पहले तक केंद्र सरकार को नए करेंसी नोटों की छपाई पर लगभग 25,000 करोड़ रुपये खर्च किया करती थी, और उनकी सुरक्षा पर 6,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त रकम खर्च करनी पड़ती थी। चेक की सुविधा को खत्म करने से कैशलेस अर्थव्यवस्था की दिशा में कितना लाभ होगा, इस सवाल के जवाब में प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि अधिकतर व्यापारिक लेनदेन चेक के ज़रिये ही होते है।

साभार: (NDTV इंडिया )

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