‘रावण के साथ मेरा कोई संबंध नहीं है’- मायावती

0

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने रविवार को अपने नए बंगले 9 मॉल एवेन्यू से मीडिया को सम्बोधित किया। इस दौरान मायावती ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा और साथ ही भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर ‘रावण’ को भी जवाब देते हुए स्वार्थी बताया।

भीमआर्मी के मुखिया ‘रावण’ से कोई रिश्ता नहीं- मायावती

मायावती ने भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर ‘रावण’ को स्वार्थी बताते हुए निशाना साधा और चंद्रशेखर आज़ाद उर्फ रावण से कोई रिश्ता ना होने की बात कही। उन्होंने कहा कि कुछ लोग ‘रावण’ से जबरन मेरा रिश्ता जोड़ने में जुटे हैं।

Also read : यहां होगा विश्व के सबसे बड़े मंदिर-मस्जिद का निर्माण

मायावती ने कहा कि ‘मेरा हिंसा के आरोपी लोगों से कोई रिश्ता नहीं है। चंद्रशेखर ‘रावण’ के साथ मेरा कोई संबंध नहीं है, यह हमारे खिलाफ राजनीतिक षड्यंत्र है, मैं केवल दलित, आदिवासी और पिछड़ों के लिए लड़ती हूं।‘

‘राजनीतिक स्वार्थ के लिए लोग मुझसे रिश्ता दिखा रहे हैं’- मायावती

उन्होंने रावण को लेकर कहा कि सहारनपुर हिंसा में आरोपी चंद्रशेखर ‘रावण’ मुझसे रिश्ता दिखा रहा हैं, जबकि मेरा सिर्फ गरीबों से रिश्ता है। ऐसे किसी व्यक्ति से मेरा कोई रिश्ता नहीं है, जो समाज में ऐसा काम करते हैं। उन्होंने कहा कि अलग से संगठन बनाने की ज़रूरत क्यों? बसपा के झंडे के नीचे आकर लड़ाई लड़ें। मायावती ने कहा कि राजनीतिक स्वार्थ के लिए लोग मुझसे रिश्ता दिखा रहे हैं।

Also read : ‘BJP ने गलत नीतियों से कई गरीबों की जान ले ली है’- मायावती

मायावती ने यह भी कहा कि ‘कुछ लोग राजनैतिक स्वार्थ में… तो कुछ लोग दिखावे में… मेरे साथ कभी भाई-बहन का कभी बुआ तो कभी खून का रिश्ता बता रहे हैं।  रावण का नाम लिए बिना उसके बुआ व खून  का रिश्ता बताने पर एतराज जताते हुए कहा कि इस किस्म के लोगों से उनका कभी रिश्ता कायम नहीं हो सकता है। मेरा रिश्ता उन तमाम करोड़ों दलितों, आदिवासियों और कमजोर वर्ग के लोगों से है, जो सुख-दुख की घड़ियों में मेरे साथ खड़े रहे हैं। यहां मैं दलितों, आदिवासियों को सचेत करना चाहूंगी कि इन वर्गों में वर्षों से आए दिन ऐसे संगठन बनते चले आए हैं, जो रोजी-रोटी का धंधा चलाते आए हैं। ये अपने समाज के लोगों के सामने कहते कुछ हैं और पर्दे के पीछे करते कुछ और हैं। यदि इस किस्म के लोग वास्तव में हमारे सही में हितैषी व शुभचिंतक होते तो इन्हें अलग से संगठन बनाने की जरूरत नही पड़ती।‘

Mayawati

बीजेपी पर जमकर साधा निशाना

इसके साथ ही मायावती ने अपने सम्बोधन में कई मामलों का जिक्र किया और बीजेपी वाली केंद्र सरकार पर जमकर निधाना साधा।

* राफेल डील पर सरकार के जवाब को असंतोषजनक करार दिया।

* अटल की मृत्यु को भी भुनाने की बीजेपी कोशिश कर रही है, जबकि उनके जीते जी इन लोगों ने उनके पदचिन्हों पर चलने की कोशिश कभी नहीं की।

* चुनावों में किस्म-किस्म के हथकंडे अपनाते हैं, बीजेपी ने कोई भी चुनावी वायदे को पूरा नहीं किया।

* अपरिपक्व तरीके से नोटबंदी करके आर्थिक इमर्जेंसी लगाकर गरीबों, छोटे-मंझोले व्यापारियों का उत्पीड़न किया है, जिसमें सैकड़ों की जान चली गयी। उन्होंने कहा कि जनता द्वारा अब इसका हिसाब किताब करने का वक्त आ गया है।

Mayawati

* आरबीआई की रिपोर्ट से साफ हो चुका है कि नोटबंदी राष्ट्रीय त्रासदी साबित हुई है। अर्थव्यवस्था भी चरमरा गयी है।

* परिवहन व्यवस्था मंहगी होकर आम लोगों को मुश्किल में डाल रही है। बिना तैयारी के जीएसटी की व्यवस्था आपाधापी व अड़ियल तरीके से लागू की गई। व्यापारी वर्ग में अफरातफरी अव्यवस्था का माहौल व्याप्त है।

* भ्रष्टाचार व कालाधन का संकट आज भी व्याप्त है, बेरोजगारी नहीं दूर हो पा रही है और न तो बीजेपी सरकार नौकरी के मौके नहीं दे पा रही है।

* अच्छे दिन के सुनहरे सपने दिखाकर बीजेपी ने देश की जनता का बुरा हाल करके रख दिया है। मुट्ठीभर पूंजीपतियों को छोड़कर किसी का भी भला नहीं किया है। महिलाओं की हालत को लेकर तो देश की जनता कभी माफ नहीं करेगी, एंटी रोमियो दल हवाहवाई बनकर  रह गया है। इनके राज में सरकारी महिला संरक्षण गृह में अमानवीय जुल्म का जो पर्दाफाश हुआ है, उससे इनकी पोल खुल गयी है। बीजेपी सरकार न तो बेटियो को लेकर गंभीर है और न ही संवेदनशील।

* बीजेपी शासित राज्यों में गो-रक्षा के नाम पर शुरू हुआ मॉब लिंचिग लोकतंत्र को कंलकित करने वाला मामला है। सरकार उदासीन व लापरवाह बनी हुई है।

* दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों व मुस्लिमों, इसाईयों के प्रति बीजेपी का रवैया सौतलेपन का रहा है। दलितों व पिछड़ों कें आरक्षण को निष्प्रभावी बना कर इनके बैकलॉग के पदों को न भरकर इनके साथ ज्यादती की जा रही है। इनके महापुरुषों के नाम पर दिखावे के तौर पर कार्रवाई करने से ये वर्ग बीजेपी या विरोधी दलों के बहकावे में नहीं आएंगे।

Also read : यहां होगा विश्व के सबसे बड़े मंदिर-मस्जिद का निर्माण

* एससीएसटी एक्ट को लेकर दो अप्रैल को हुए आंदोलन में सरकार ने दमन चक्र अभी भी चला रखा है, सभी वर्गों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। सर्वसमाज के लोग भी दुखी व पीड़ित हैं। कोई  भी वर्ग कोई भी समाज व धर्म के लोग नहीं कह सकते कि बीजेपी की सरकार से उनका कुछ भला हुआ है। इनका जीवन और भी त्रस्त हुआ है। यूपी ही नहीं बल्कि देश की जनता ने बीजेपी सरकारों की जुमलेबाजी, नाटकबाजी व विश्वासघात को सह लिया है।  बीजेपी के नेतागण दोहरे चाल वाले लोग हैं, कथनी करनी में अंतर है और भी ज्यादा भरोसा करना पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसा है। जनता को सावधान रहने की जरूरत है, बीजेपी एंड कंपनी के लोगों को यही कहना है कि मोदी और इनकी राज्य सरकारें अटल बिहारी वाजपेयी के पदचिन्हों पर राज चलाती तो सांप्रदायिक व जातिवादी वारदातें न होतीं और न ही लोकतंत्र के स्थान पर मॉब लिंचिग की वारदातें होती। नोटबंदी और जीएसटी को भी अपरिपक्व तरीके से लागू करने की हिम्मत भी तब ये नहीं जुटा पाते।

* जब केन्द्र में बैठी बीजेपी व आरएसएस के लोगों को भारत का नाम हिन्दुस्तान कहने में कोई एतराज नहीं होता तो इन्हें अनुसूचित जाति व जनजाति के लोगों को दलित कहने से भी ऐतराज नहीं होना चाहिए।

* एससी-एसटी एक्ट के दुरुपयोग को लेकर अगर बीजेपी की सरकारें हमारी सरकारों की तरह ‘सर्वजन हिताय-सर्वजन सुखाय’ के तरीके से कदम उठाती तो इस एक्ट का दुरुपयोग नहीं हो सकता है।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More