जागते रहो क्योंकि सो रही है यूपी पुलिस, रेप पीड़िता ने CM को खून से लिखा खत

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जी हां अब तो यहीं कहना पड़ेगा कि जागते रहो कि सो रहीं है यूपी पुलिस। हमें ये इस लिए कहना पड़ रहा है कि कुछ शोहदें एक रेप पीड़िता को अश्लील पोस्ट भेज रहा है। इतना ही नहीं उसकी परिवार और बहन तक को परेशान कर रहा लेकिन यूपी पुलिस मूक दर्शक बनी हुई है। आपको बता दे कि रेप और फेसबुक पर अश्लील पोस्ट डालने के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से क्षुब्ध एक पीड़ित छात्रा ने अब पीएम नरेंद्र मोदी और सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ को खून से खत लिखकर न्याय की गुहार लगाई है।

आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है

रायबरेली जिले की इस इंजिनियरिंग छात्रा ने मार्च 2017 में आरोपियों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद से लगातार आरोपियों की तरफ से पीड़ित छात्रा के परिवार को परेशान किया जा रहा है। शोहदों का खौफ इतना है कि छात्रा और उसकी छोटी बहन दोनों पढ़ाई छोड़कर घर बैठने को मजबूर हो गई हैं। पीएम मोदी और सीएम योगी को खून से लिखे खत में पीड़ित छात्रा ने आरोप लगाया है कि ऊंची पहुंच की वजह से पुलिस आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।

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छात्रा ने कहा है कि आरोपी पक्ष मुकदमा वापस लेने के लिए धमकी दे रहा है। मोदी और योगी को संबोधित खत में छात्रा ने लिखा है कि अगर उसे न्याय नहीं मिला तो वह आत्महत्या कर लेगी। अपर पुलिस अधीक्षक शशि शेखर सिंह ने बताया कि बाराबंकी में इंजिनियरिंग की पढ़ाई कर रही रायबरेली की छात्रा के पिता ने एक लड़के के खिलाफ मार्च 2017 में शिकायत दर्ज कराई थी। सिंह ने बताया कि शिकायत में आरोप लगाया गया था कि आरोपी जबरन उनकी बेटी को एक मकान में ले गया और अपने एक मित्र की मौजूदगी में उसके साथ बलात्कार किया। इसके बाद से वह छात्रा को ब्लैकमेल कर रहा है।

मीणा ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है

पुलिस अधिकारी ने बताया कि लड़की के पिता की तहरीर पर पुलिस ने 24 मार्च 2017 को आरोपी युवकों दिव्य पाण्डेय और अंकित वर्मा के खिलाफ बलात्कार और अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज किया था। 9 अक्टूबर 2017 को युवती के पिता ने शहर कोतवाली में एक और तहरीर देकर आरोप लगाया कि अब उनकी छोटी बेटी के नाम पर फेसबुक आईडी बनाकर किसी ने अश्लील सामग्री पोस्ट की है। पुलिस ने इस संबंध में अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। अपर पुलिस अधीक्षक ने कहा कि इस मामले में पुलिस को अभी तक विशेषज्ञ टीम की रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है। अधिकारी ने कहा कि पुलिस को पीड़ित लड़की द्वारा खून से खत लिखे जाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है। वहीं पुलिस अधीक्षक शिवहरि मीणा ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है।

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