तिहाड़ जेल से बाहर आएंगे पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम

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सुप्रीम कोर्ट आईएनएक्स मीडिया से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तिहाड़ जेल में बंद पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिंदबरम की जमानत याचिका पर सुनवाई करते बड़ी राहत दी है।
कोर्ट ने चिदंबरम को जमानत दे दी है और इस फैसले के साथ वह 106 दिन बाद जेल से बाहर आएंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने पी चिदंबरम को दो लाख रुपये के मुचलके और दो जमानती के जमानत पर बले दी है।
कोर्ट ने कहा है कि वह अनुमति विदेश यात्रा नहीं कर सकते।

बाहर आने का रास्ता साफ हो गया

आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग केस में बीते 106 दिनों से हिरासत में चल रहे पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने 2 लाख रुपये के मुचलके और बिना इजाजत विदेश न जाने की शर्त पर जमानत दे दी है। अब वह जल्द ही तिहाड़ जेल से बाहर आ सकेंगे।
अदालत ने कहा कि चिदंबरम जमानत पर छूटने के बाद गवाहों से संपर्क करने की कोशिश नही करेंगे और कोर्ट की इजाजत के बगैर विदेश नही जाएंगे।
साथ ही केस के बारे में प्रेस ब्रीफ़िंग नही करेंगे।

कोर्ट ने कहा, केस गंभीर

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि आर्थिक अपराध काफी गंभीर अपराध होते हैं, लेकिन जमानत का भी कानूनी प्रावधान हैं।
कोर्ट ने कहा, ‘जमानत का फैसला केस की मेरिट पर निर्भर करता है।
जमानत देना कानून के प्रावधान में है।’
कोर्ट ने चिदंबरम को 2 लाख के निजी मुचलके और बिना अनुमति देश नहीं छोड़ने की शर्त पर जमानत दी है।

ईडी ने कहा था गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं चिदंबरम

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
उन्हें आईएनएक्स मीडिया करप्शन मामले में सुप्रीम कोर्ट से पहले ही जमानत मिल चुकी है अब मनी लॉन्ड्रिंग केस में जमानत मिली है।
आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने जमानत अर्जीका विरोध किया था और कहा था कि गवाहों को प्रभावित किए जाने का खतरा है।
आरोपी चिंदबरम जेल में रहते हुए भी गवाहों पर प्रभाव रखते हैं।

’12 बैंक खातों में जमा है मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी रकम’

ईडी की ओर से दलील दी गई कि 12 बैंक अकाउंटों की पहचान की गई है, जिसमें अपराध से संबंधित रकम जमा की गई है।
दूसरे देशों में संपत्ति खरीदे जाने का भी डिटेल है।
तुषार मेहता ने दलील दी थी कि आर्थिक अपराध भी गंभीर अपराध है और इससे समाज प्रभावित होता है।
देश से बाहर बेनामी संपत्ति है और ये याचिकाकर्ता के परिवार से जुड़ा हो सकता है।
संपत्ति इनसे और अन्य सह आरोपियों से जुड़ा हो सकता है।
अदालत में मेहता ने दलील दी कि अगर चिदंबरम को जमानत दी गई तो गवाह खतरे में आ सकते हैं।

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