अगले 12 सालों में सड़कों में दौड़ेगी ‘इलेक्ट्रनिक कारें’
पेट्रोल डीजल के प्रदूषण से जुझते हुए सरकार इलेक्ट्रिक गाड़ियों को तवज्जो दे रहे हैं। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत का मानना है कि 2030 के आसपास तक बैटरियों की कीमत में भारी गिरावट आ जाएगी और इसके बाद इलेक्ट्रिक गाडियां अगले दस साल में भारत में भी बाकी गाड़ियों से ज्यादा हो जाएंगी। फोर्ड मोटर की तरफ से आयोजित सिटी ऑफ टुमॉरो यानी भविष्य के शहर सिम्पोजियम में उन्होंने ये संकेत दिए।
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सरकार की तरफ से जोर जबरदस्ती का सवाल ही नहीं उठता
उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए भारत में आज अमेरिका से ज्यादा बेहतर माहौल तैयार है क्योंकि यहां अभी भी गाडियों का एडॉप्शन उतना ज्यादा नहीं है और 80 फीसदी कारों का इस्तेमाल 5 किलोमीटर के दायरे में इस्तेमाल होता है। उनका कहना था कि ग्लोबल कंपनियां सारी दुनिया में इलेक्ट्रिक के रास्ते पर चल रही हैं और वे ही इसे भारत में भी पुश करेंगी इसलिए सरकार की तरफ से जोर जबरदस्ती का सवाल ही नहीं उठता।
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ऑटो कंपनी के तौर पर कैसा रास्ता देखते हैं
इस बारे में फोर्ड स्मार्ट मोबिलिटी के सीईओ राजेंद्र राव का कहना था कि नए रोडमैप के लिए हम तैयार ही हैं और इस विजन पर काम दुनिया भर में हो रहा है। एनबीटी से बात करते हुए राव ने कहा कि यह एक नए मौके की तरह आ रहा है।हालांकि, फोर्ड ऑटो कंपनी है लेकिन वह कनेक्टेड गाड़ियों और शेयर्ड ड्राइव को यहां काफी तवज्जो देती दिखी। जब हमने राव से पूछा कि दुनिया भर में सड़कों पर जगह नहीं बच रही है, ऐसे में वे एक ऑटो कंपनी के तौर पर कैसा रास्ता देखते हैं।
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पब्लिक ट्रांसपोर्ट को सुधारने पर काम कर रही है
उन्होंने कहा कि इसी को देखते हुए हम शेयरिंग पर जोर दे रहे हैं, भविष्य में लोग कई तरह से ट्रांसपोर्ट अपनाएंगे जिसमें शेयर्ड मोड का बड़ा हिस्सा होगा। इंदौर में उन्होंने ऐसे ही एक नए प्रोजेक्ट को शुरू करने की जानकारी दी, जिसमें फोर्ड शहर के साथ मिलकर पब्लिक ट्रांसपोर्ट को सुधारने पर काम कर रही है।
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12 साल में सबको ओवरटेक कर लेंगी इलेक्ट्रिक कारें
उनका कहना था कि जो आज का ट्रांसपोर्ट मॉडल है, वह कल नहीं होगा, लोग जाम से मुक्त मोबिलिटी चाहते हैं। उन्होंने बताया कि हमने जूमकार के साथ डील की है, जो इस मॉडल पर काम करती है कि एक कार को कई लोग चलाएं, जब उन्हें जरूरत हो। 12 साल में सबको ओवरटेक कर लेंगी इलेक्ट्रिक कारें ।
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