जानें…भारत को पाकिस्तान के मिसाइल टेस्ट की जानकारी पहले कैसे मिल जाती है?

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हाल ही में पाकिस्तान द्वारा अपनी एक बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया गया था, जिसके बाद भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से एक बयान जारी किया गया था, जिसमें कहा गया था कि, उन्हें पाकिस्तान के मिसाइल टेस्ट की जानकारी पहले से ही थी। गौरतलब है कि, मिसाइल टेस्ट की खबर ब्रेक होने के बाद पाकिस्तान द्वारा एयरस्पेस बंद करने से मिला दी गई थी। वैसे अभी ये साफ नहीं है कि एयरस्पेस बंद होने का मिसाइल लॉन्च से कोई लेना-देना था या नहीं, लेकिन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने अपनी ओर से ये साफ कर दिया कि, भारत सरकार इस टेस्ट के बारे में पहले से जानती थी। ज्ञात हो कि, भारत और पाकिस्तान के बीच बैलिस्टिक मिसाइलों को लेकर एक संधि हुई है।

क्या है यह संधि:

भारत और पाकिस्तान के बीच इस्लामाबाद में 3 अक्टूबर, 2005 को एक एग्रीमेंट साइन हुआ था। जिसे “Agreement on pre notification of flight testing of ballistic missiles” कहते हैं। इस संधि के तहत भारत और पाकिस्तान अपनी बैलिस्टिक मिसाइल की टेस्टिंग से पहले एक दूसरे को सूचना देते हैं।

भारत और पाकिस्तान दोनों अपने यहां बैलिस्टिक मिसाइल रखते हैं और नई मिसाइलों पर काम भी कर रहे हैं। जिसके तहत ढेर सारे ट्रायल होते हैं, लेकिन बैलिस्टिक मिसाइलों के साथ जुड़े डर को देखते हुए ये खतरा रहता है कि, कोई देश दूसरे देश के ट्रायल को ही अपने खिलाफ हुआ लॉन्च न मान लें। गलतफहमी से दोनों देशों के बीच मिसाइलें चल सकती हैं।

इसी खतरे से बचने के लिए वाजपेयी सरकार के वक्त पाकिस्तान से बात हुई थी। 21 फरवरी, 1999 को पाकिस्तान से एक MoU साइन हुआ था। जिसके तहत दोनों ने एक संधि करने का वादा किया। यही संधि मनमोहन सिंह सरकार के वक्त लागू हुई। तब विदेश मंत्री नटवर सिंह थे। किसी गलतफहमी से बचने के लिए इस संधि के 11 अनुच्छेदों में इंतज़ाम किए गए हैं।

  • दोनों देश मिसाइल परीक्षण से पहले एक दूसरे को बताएंगे। मान लीजिए आप 5 से 10 तारीख के बीच पांच दिनों में कभी भी परीक्षण करने वाले हैं, तो आपको इसकी सूचना 2 तारीख तक पड़ोसी को देनी होगी। मानें विंडो से 72 घंटे पहले का नोटिस। ये नोटिस दोनों देश अपने उच्चायोग, मानें हाई कमीशन के ज़रिए देंगे।
  • इस नोटिस को दोनों देश गोपनीय मानेंगे।
  • दोनों देश मिसाइल परीक्षणों से पहले हवाई यातायात के लिए ज़रूरी दिशानिर्देश जारी करेंगे।
  • अंतर्राष्ट्रीय सीमा या नियंत्रण रेखा से 40 किलोमीटर की परिधि में मिसाइल लॉन्च नहीं की जाएंगी।
  • ये मिसाइल जहां लैंड होंगी, उस जगह को अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा से कम से कम 70 किलोमीटर दूर होना होगा।
  • जब मिसाइल हवा में होगी, तब वो नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा को पार नहीं करेगी।
  • हमेशा 40 किलोमीटर की दूरी बनाए रखनी होगी.
  • ये संधि ज़मीन से ज़मीन या समंदर से समंदर में मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइलों पर लागू होगी।
  • इसीलिए भले ही भारत और पाकिस्तान के नेताओं का दिन एक-दूसरे के खिलाफ बोले बिना पूरा न होता हो, लेकिन जब बात मिसाइल टेस्टिंग की आती है तब दोनों देश एक-दूसरे को पहले से जानकारी दे देते हैं।

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