#Metoo : एमजे अकबर पर लगे आरोपों की होगी जांच- शाह

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#Metoo की चपेट में आए केद्रीय मंत्री एमजे अकबर ( MJ Akbar) की मुश्किले थमती नजर नहीं आ रही हैं।  बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि अकबर के खिलाफ लगाए गए यौन शोषण के आरोपों की जांच होगी। इसके साथ ही शाह ने यह भी कहा कि यह भी देखना पड़ेगा कि मंत्री के खिलाफ लगाए गए आरोपों में कितनी सत्यता है।

आप मेरा नाम भी इस्तेमाल करते हुए कुछ भी लिख सकते हैं

अमित शाह ने कहा, ‘देखना पड़ेगा कि यह सच है या गलत। हमें उस शख्स के पोस्ट की सत्यता जांचनी होगी, जिसने आरोप लगाए हैं। आप मेरा नाम भी इस्तेमाल करते हुए कुछ भी लिख सकते हैं।’ हालांकि उन्होंने जांच की बात पर यह कहा, ‘इस पर जरूर सोचेंगे।’

शाह के बयान को इसलिए भी अहम माना जा रहा है कि मीटू मुहिम के बाद घिरे एमजे अकबर पर बीजेपी आलाकमान की तरफ से यह पहली प्रतिक्रिया है। एमजे अकबर पर आरोप है कि कई मीडिया संस्थानों में बतौर संपादक काम करते हुए उन्होंने कई महिला पत्रकारों से आपत्तिजनक बर्ताव किया। इससे यह भी संकेत मिल रहे हैं कि पार्टी विवाद को लेकर गंभीर है।

पार्टी को असहज स्थिति का सामना करना पड़ रहा है

शाह ने कहा कि किसी भी असत्यापित आरोपों को मढ़ने का सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म हो सकता है। हालांकि इससे यह भी साफ है कि अकबर पर लगे आरोपों के बाद नकारात्मक मेसेज जा रहा है और पार्टी इस पर चिंतित है। शुक्रवार को अकबर के खिलाफ एक और अकाउंट से मीटू के तहत आरोप लगाए गए। सोशल मीडिया पर यौन शोषण के आरोपों को लेकर चल रही बहस के बीच पार्टी को असहज स्थिति का सामना करना पड़ रहा है।

अकबर ने सीमाएं लांघते हुए यौन दुर्व्यवहार किया

केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास आठवले ने कहा था कि अगर अकबर के खिलाफ आरोप सही हैं, तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। एमजे अकबर अभी अफ्रीका के दौरे पर हैं और उनके रविवार को देश पहुंचने की संभावना है। उनके खिलाफ सबसे ताजा आरोप एक विदेशी पत्रकार ने लगाए हैं। उनका आरोप है कि एक मीडिया संस्थान में वर्ष 2007 में इंटर्न रहते हुए अकबर ने सीमाएं लांघते हुए यौन दुर्व्यवहार किया।

महिला पत्रकार का आरोप है, ‘उन्होंने मेरी शारीरिक वर्जनाओं को लांघते हुए मेरा और मेरे माता-पिता का भरोसा तोड़ा है।’ पीड़ित का कहना है कि उनके माता-पिता 90 के दशक में दिल्ली में बतौर विदेशी संवाददाता कार्यरत थे और वह उन्हीं के जरिए अकबर से मिली थीं।

अकबर और महिलाओं के बीच का मामला बताया है

एम जे अकबर पर महिलाओं द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों पर केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने अकबर का बचाव किया है। उमा ने इसे अकबर और महिलाओं के बीच का मामला बताया है। मध्य प्रदेश के सागर में राजमाता विजयाराजे सिंधिया की जन्म शताब्दी के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंची उमा ने इस मामले में मीडिया के सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘मैं इस मामले पर कुछ नहीं कहना चाहती। अकबर से जुड़ा मामला तब का है जब वह केंद्र सरकार में मंत्री नहीं थे। यह मामला पूरी तरह महिला और अकबर के बीच है। लिहाजा मैं इस पर कुछ नहीं कह सकती।’

पत्रकारों ने जब उमा से पूछा कि आप हमेशा महिलाओं के हितों की बात करती रही है, लेकिन इस मामले पर पीछे क्यों हट रही हैं, तो केंद्रीय मंत्री इसके बाद भी इस पर कुछ नहीं बोलीं और चुप्पी साधे रखी। इससे पहले केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने #MeToo मूवमेंट के तहत सामने आ रहे मामलों की जांच के लिए कमिटी बनाने की बात कही है। साभार

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