अखिलेश यादव : लगता है योगी को नहीं पसंद मोदी तभी तो…

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समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश (Akhilesh) यादव लोक सभा चुनाव में भाजपा को धूल चटाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते है। शायद यही वजह है कि अखिलेश ने पूरी कमान अपने हाथ में संभाल ली है।

ट्वीट करके तो कभी बयानबाजी करके वो योगी और मोदी पर चुटकी लेते रहते है। ताजा मामला सामने आया है जहां अखिलेश यादव ने पीएम मोदी और सीएम योगी पर चुटकी लेते नजर आए है।

योगी ने आम मंडी के काम को ही रुकवा दिया

अखिलेश ने अपने बयान में कहा है कि जो भी पीएम मोदी को पंसद आता है वो सीएम योगी को रास नहीं आता। तभी तो जब एक कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने राजधानी लखनऊ के दशहरी आम की तारीफ की तो योगी को ये नागवार लगा और योगी ने आम मंडी के काम को ही रुकवा दिया।

जो पीएम को पसंद है वो योगी को रास नहीं आता

इतना ही नहीं अखिलेश ने एक और उदाहरण देते हुए कहा कि पीएम मोदी ने कन्नौज में एक कार्यक्रम के दौरान इत्र की खुशबू की जमकर तारीफ की तो सीएम योगी ने इत्र पर ही गाज गिरा दिया था। सीएम योगी ने पीएम की तारीफ करने के बाद कन्नौज में इत्र से संबधित चल रही योजनाओं को भी रोक दिया था। अब ये सब तो इसी बात का इशारा करते है कि जो पीएम को पसंद है वो योगी को रास नहीं आता।

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आपको बता दें कि मंगलवार को अपने एक बयान में अखिलेश ये साफ कर चुके हैं कि वो चाहते है कि योगी सरकार गिर जाए। इतनी ही नहीं पीएम मोदी पर भी उन्होंने हमला बोलते हुए कहा था कि देश की जनता नया पीएम चाहती है। इस बयान से साफ है कि अखिलेश यादव राज्य सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक में बड़े परिवर्तन की तैयारी में है। अखिलेश यादव का एक मात्र लक्ष्य है भाजपा को जड़ से मिटाना है। इसके लिए अखिलेश एड़ी से लेकर चोटी तक के जोर में लग गए है।

कांग्रेस से भी जारी रहेगी दोस्ती

भारतीय जनता पार्टी का सुपड़ा साफ करने के लिए अखिलेश कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते है। इसके लिए वो किसी प्रकार के गठबंधन से गुरेज नहीं करेंगे। अखिलेश ने साफ कर दिया है कि कांग्रेस से दोस्ती जारी रहेगी। इतना ही नहीं लोक सभा चुनाव में गठबंधन को बहुमत मिलने के बाद तय होगा कौन प्रधानमंत्री बनेगा। अब देखना ये है कि 2019 लोक सभा चुनाव आते आते कौन कौन सी पार्टी में नए रंग देखने को मिलते है।

अगर सीटों की बात करे तो तीन राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव में बसपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन ही आगामी लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में गठबंधन की तस्वीर साफ करेगा। सीट बंटवारे की बात करें तो बसपा की योजना 40 सीटों पर चुनाव लड़ने की है जिसमें वह महागठबंधन की मजबूती के लिए दो चार सीटों पर समझौता भी कर सकती है। जिसके बाद बची 40 सीटों में से अगर समाजवादी पार्टी 30 सीटों पर लड़ती है तो रालोद व कांग्रेस के बीच बची 10 सीटों पर बंटवारा होगा। संभावना है कि सपा भी निषाद पार्टी के लिए अपने कोटे से 2 सीटें छोड़ दे।

कांग्रेस और रालौद में फंस सकता है पेंच

पेंच रालोद और कांग्रेस के बीच फंसता दिख रहा है। सूत्रों के मुताबिक रालोद कैराना, बागपत और मथुरा से चुनाव लड़ना चाहती है। हालांकि, राष्ट्रीय पार्टी होने के नाते, कांग्रेस 10 से 12 सीटें चाहती है। लिहाजा 7 सीटों पर कांग्रेस को राजी करना मुश्किल है। हालांकि, महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर समाजवादी पार्टी के एमएलसी आनंद भदौरिया का कहना है कि कौन कितने सीटों पर लड़ेगा इसका निर्णय सभी दलों का राष्ट्रीय नेतृत्व करेगा। अभी यह तय नहीं हुआ है कि कौन कितने सीटों पर लड़ेगा।

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