रामपुर में जौहर विश्वविद्यालय का 104 बीघा जमीन जब्त, रेवेन्यू बोर्ड कोर्ट का निर्देश

0

रामपुर में जिला प्रशासन की ओरसे जौहर विश्वविद्यालय की 104 बीघा जमीन जब्त किये जाने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि इसे रेवेन्यू बोर्ड कोर्ट के निर्देश पर किया गया है।

विश्वविद्यालय का निर्माण मोहम्मद आजम खान ने कराया है

रामपुर जिला प्रशासन ने आज मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय परिसर के अंदर 104 बीघा जमीन जब्त की है। यह कार्रवाई प्रयागराज स्थित रेवेन्यू बोर्ड कोर्ट के निर्देश पर की गई है। विश्वविद्यालय का निर्माण समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद मोहम्मद आजम खान ने कराया है, साथ ही वह यहां के कुलाधिपति भी हैं।

रेवेन्यू बोर्ड कोर्ट के अनुसार दलित किसानों के समूह से ली गई इस जमीन की खरीद फरोख्त में नियमों की धज्जियां उड़ाई गई हैं।

दलित भूस्वामी जमीन गैर-अनुसूचित जाति के व्यक्ति के नाम स्थानांतरित नहीं कर सकते

प्रयागराज स्थित रेवेन्यू बोर्ड में सरकारी वकील दीपक सक्सेना ने कहा, “उत्तर प्रदेश जमींदारी उन्मूलन और भूमि सुधार अधिनियम के तहत छोटे दलित भूस्वामी अपनी जमीन गैर-अनुसूचित जाति के व्यक्ति के नाम स्थानांतरित नहीं कर सकते हैं, और अगर वे ऐसा करते हैं तो इसके लिए उन्हें जिला प्रशासन से अनुमति लेनी होती है। वरिष्ठ सपा नेता आजम खान द्वारा संचालित जौहर ट्रस्ट ने ऐसी कोई अनुमति नहीं ली थी।”

उन्होंने आगे कहा, “रेवेन्यू बोर्ड ने साल 2013 में मुरादाबाद कमिशनर कोर्ट के उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें इस भूमि की बिक्री की अनुमति दी गई थी।”

प्रशासन ने बुधवार दोपहर करों का भुगतान नहीं करने पर विश्वविद्यालय परिसर के अंदर एक निर्माणधीन इमारत को भी सील कर दिया।

रामपुर सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) प्रेम प्रकाश तिवारी के नेतृत्व में अधिकारियों की एक टीम ने विश्वविद्यालय परिसर में पहुंचकर इमारत को सील करने और जमीन को जब्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी।

रामपुर के जिला अधिकारी आंजनेय कुमार सिंह ने कहा कि रेवेन्यू बोर्ड से संबंधित दस्तावेज की एक प्रति मिलने के बाद जमीन जब्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। रेवेन्यू बोर्ड ने पाया कि जौहर ट्रस्ट ने 104 बीघा जमीन पर कब्जा करने के लिए उत्तर प्रदेश जमींदारी उन्मूलन और भूमि सुधार अधिनियम का उल्लंघन किया।

जौहर विश्वविद्यालय की एक इमारत को भी जब्त किया गया

मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय की एक इमारत को भी जब्त किया गया है, क्योंकि जौहर ट्रस्ट विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए 1.37 करोड़ रुपये का उपकर जमा करने में असफल रहा।

भवन और अन्य निर्माण श्रमिक नियमन और सेवा अधिनियम 1996 की शर्तो के तहत राज्य में निर्मित 10 लाख रुपये से ऊपर की सभी इमारतों को बोर्ड को खर्च राशि का 1 प्रतिशत उपकर देना होता है, बोर्ड जिसका प्रयोग श्रमिकों के कल्याण के लिए करता है।

साल 2006 में स्थापित हुआ विश्वविद्यालय लगभग 500 एकड़ में फैला है। इसका संचालन मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More