Yes बैंक में SBI करेगा 2450 करोड़ रुपये का निवेश, ग्राहकों को बड़ी राहत

यस बैंक में 49 फीसदी हिस्सेदारी की सैद्धांतिक मंजूरी मिली

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यस बैंक के ग्राहकों के लिए बड़ी खबर है। यस बैंक (Yes Bank) संकट पर एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने शनिवार को कहा कि यस बैंक में जमाकर्ताओं का पैसा पूरी तरह से सुरक्षित है।

यस बैंक में 49 फीसदी हिस्सेदारी की सैद्धांतिक मंजूरी मिली

उन्होंने कहा कि एसबीआई यस बैंक में 2,450 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। रजनीश कुमार ने कहा कि एसबीआई बोर्ड ने यस बैंक में 49 फीसदी तक की हिस्सेदारी लेने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। इस योजना पर कानूनी टीम काम कर रही है।

बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने संकट में फंसे निजी क्षेत्र के यस बैंक पर गुरुवार को सख्ती बढ़ाते हुए बैंक के निदेशक मंडल को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया था। साथ ही बैंक के ग्राहकों के लिए धन निकासी की सीमा 50 हजार रुपये तय कर दी गई थी। ग्राहक एक माह में इससे अधिक राशि नहीं निकाल सकेंगे। रिजर्व बैंक ने एसबीआई के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी प्रशांत कुमार को यस बैंक का नया प्रशासक नियुक्त किया था।

क्या बोलीं वित्त मंत्री-

इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को यस बैंक संकट पर कहा था कि बैंक द्वारा कई बड़ी कंपनियों को 2014 से काफी पहले कर्ज दिया गया था। यह सब पहले से ही सार्वजनिक है। उन्होंने कहा था कि मैं इसमें ग्राहक गोपनीयता का उल्लंघन नहीं कर रही हूं। इनमें अनिल अंबानी समूह, एस्सेल, डीएचएफएल, आईएलएफएस, वोडाफोन उन संकटग्रस्त कंपनियों में शामिल हैं, जिन्हें यस बैंक ने कर्ज दिया था।

लंबे समय से संकट में था-

निजी क्षेत्र का यस बैंक काफी समय से बढ़ते डूबे कर्ज की समस्या जूझ रहा था। बैंकिग नियमों के अनुपालन के लिए बैंक को दो अरब डॉलर की जरूरत है लेकिन पिछले दो साल में कई निवेशकों से बातचीत के बावजूद वह राशि जुटाने में असफल रहा है।

फाउंडर राणा कपूर के घर ED का छापा-

यस बैंक के संस्थापक और पूर्व सीईओ राणा कपूर के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी हो गया है। यानी अब राणा कपूर जांच पूरी होने तक देश से बाहर नहीं जा सकते हैं। वहीं ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत राणा कपूर के खिलाफ भी केस दर्ज कर लिया है। ईडी की टीम ने शुक्रवार देर रात राणा कपूर के घर पर छापेमारी की और कपूर से पूछताछ भी की गई। लॉन्ड्रिंग के जुड़े सबूतों की तलाश में दस्तावेज भी खंगाले जा रहे हैं। बता दें कि, राणा कपूर का घर मुंबई के वर्ली इलाके में स्थित है।

दरअसल गुरुवार को आरबीआई ने यस बैंक के खाताधरकों के लिए 50,000 रुपये की निकासी की सीमा तय की तब बैंक का संकट उजागर हुआ। इस खबर के बाद यस बैंक के फाउंडर राणा कपूर ने मीडिया से बातचीत में कहा था, वह पिछले 13 महीने से सक्रिय नहीं हैं, इसलिए वे इस संकट पर कुछ नहीं कह सकते हैं। नवंबर 2019 में यस बैंक ने शेयर मार्केट को बताया था कि, कपूर बोर्ड से पूरी तरह बाहर हो चुके हैं।

यस बैंक के जरिए मनमाने तरीके से लोन बांटे-

राणा कपूर आरोप है कि उन्होंने यस बैंक के जरिए मनमाने तरीके से लोन बांटे और लोन के लेन-देन की प्रक्रिया भी अपने हिसाब से तय की। ये लोन कपूर ने अपने निजी संबंधों के आधार पर बड़े-बड़े लोगों को दिए। यस बैंक ने अनिल अंबानी ग्रुप, आईएलएंडएफएस, एस्सेल ग्रुप, रेडियस डिवेलपर्स, सीजी पावर और एस्सार पावर जैसे समूहों को लोन दिए हैं। आरोप है कि, बड़े कारोबारियों को लोन दिलाने में राणा कपूर की सहमति रही है। 2017 में यस बैंक ने 6,355 करोड़ रुपए की रकम को बैड लोन में डाल दिया था। 2018 में राणा कपूर पर कर्ज और बैलेंसशीट में गड़बड़ी का आरोप लगा, जिसके बाद आरबीआई ने उन्हें चेयरमैन के पद से हटा दिया था।

गौरतलब है कि, यस बैंक में 3 अप्रैल तक रकम निकासी की सीमा 50,000 रुपए तय की गई है। निवेशक हर रोज 50,000 तक नहीं बल्कि 3 अप्रैल तक कुल इतनी राशि निकाल सकेंगे। सरकार के इस फैसले के बाद से खाताधारकों में हड़कंप मचा हुआ है।

आपात स्थिति में निकासी की सीमा 5 लाख

हालांकि आपात स्थिति में निकासी की सीमा 5 लाख रुपए तक की तय की गई है। पढ़ाई, इलाज और शादी के लिए ज्यादा रकम निकाल सकेंगे। फिलहाल रकम निकासी की लिमिट 3 अप्रैल तक जारी रहेगी। वहीं RBI ने यस बैंक की वित्तीय हालत सुधारने के लिए अगले एक महीने के लिए बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स का टेकओवर कर लिया है। 3 अप्रैल से पहले बैंक का पुनर्गठन कर दिया जाएगा।

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