क्या राजनीति केवल उद्योग बनकर रह गई है…?

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सुधीर गणोरकर

बसपा के नवनियुक्त राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आनंद कुमार जो बसपा सुप्रीमो मायावती जी के भाई हैं, का लगभग 400 करोड़ का नोएडा स्थित प्लॉट आयकर विभाग द्वारा जब्त कर लिया गया। आयकर विभाग द्वारा लगभग छह फर्जी कंपनियों के माध्यम से जिनका मालिकाना हक कथित रूप से आनंद कुमार व उनकी धर्मपत्नी विचित्र लता के नाम है, जमीन की खरीद – फरोख्त का कारोबार चलाया जा रहा था। इससे उन्हें करोड़ों की आमदनी हो रही थी। उन्हें भी विभाग ने निगरानी सूची में डाल दिया है। उधर इस कार्रवाई पर टिप्पणी करते हुए मायावती जी ने केंद्र सरकार पर विपक्षी पार्टियों को उत्पीड़ित करने का आरोप लगाया है।

सांसद आजम खां पर जमीन कब्जाने और यादव परिवार की आय से अधिक संपत्ति:

दूसरी ओर सपा के कद्दावर नेता व रामपुर के सांसद आजम खां भी पहले से ही जौहर यूनिवर्सिटी की ज़मीन के फर्जीवाड़े में फंसे हैं और ताज़ा तरीन मामले के तहत रामपुर के आलियागंज के किसानों ने अपनी ज़मीन कब्जाने का आरोप लगाते हुए स्थानीय जिलाधिकारी से शिकायत की है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद भी अरबों के चारा घोटाले में जेल में हैं, पूर्व सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह परिवार भी आय से अधिक संपत्ति के मामले में सीबीआई के निशाने पर है।

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नेताओं के पास अपार सम्पत्ति कैसे:

ऐसे में सवाल यह है कि क्या राजनीति केवल उद्योग बनकर रह गई है? अगर नहीं तो इन लोगों के पास इतनी अपार संपत्ति कैसे आयी जबकि अक्सर जनसभाओं में इन्होंने देशसेवा के लिए राजनीति में आने की बात की है।

कटु सत्य है कि आजकल अधिकांश नेताओं ने राजनीति को कमाई का माध्यम बना लिया है। यह लोग देश की भोली – भाली जनता को जाति – धर्म के नाम पर बांटकर उनके वोट से सांसद और विधायक बनकर उनकी खून – पसीने की कमाई लूटने में लग जाते हैं। इसपर रोक लगनी चाहिए। इसके लिए जनता को जाति – धर्म से ऊपर उठकर देशहित में ईमानदार लोगों को अपनी नुमाइंदगी सौंपनी होगी अन्यथा देश बिकने में समय नहीं लगेगा।

(ये लेखक के निजी विचार हैं)

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