वहीं एक वजह है प्रधानमंत्री राजीव गांधी की रोजगार से जुडी एक योजना जो इतने सालों बाद भी धरी की धरी रह गयी और लोग ठगे सा महसूस करते रह गए। बता दें कि साल 1984 में अमेठी के किसानों ने राजीव गांधी के आह्वान पर अपनी अपनी जमीन ‘सम्राट साइकिल फैक्ट्री’ लगाने के लिए दी थी।

ये भी पढ़ें: ADR रिपोर्ट में खुलासा, 34 एमएलए की आय 300 गुना बढ़ी

उस वक्त किसानों से वादा किया गया था कि जमीन के बदले उन्हें मुआवजा तो मिलेगा ही साथ ही सम्राट साइकिल कंपनी में नौकरी भी दी जाएगी। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। वो जमीन चली गयी राजीव गांधी ट्रस्ट के पास। किसानों ने अपनी जमीन वापसी के लये अदालती लड़ाई भी शुरू की लेकिन गांधी परिवार और कांग्रेस की ओर से कहा गया कि राजीव गांधी ट्रस्ट ने ये जमीन नियमानुसार नीलामी में हिस्सा लेकर खरीदी थी।

इसी फेल हुई योजना को लेकर भाजपा लगातार कांग्रेस को घेरती रही है और अब सम्राट मैदान से भी पीएम मोदी रोजगार के इंतज़ार में बैठे किसानों और अपनी जमीन गवां चुके परिवारों को एक बार फिर उस डूब चुकी योजना की याद दिला सकते हैं

ये भी पढ़ें: भारत लौटे ‘अभिनंदन’ के रास्ते नहीं आसान, इन परीक्षाओं से होगा गुजरना

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं)