यक्ष प्रश्‍न, यूपी का अगला मुख्यसचिव कौन??

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Martand Singh

यूपी में नौकरशाही की सबसे बड़ी कुर्सी की दौड़ शुरू हो चुकी है। यूपी के मुख्य सचिव राजीव कुमार(Rajiv Kumar) इसी महीने यानी 30 जून को रिटायर हो रहे हैं, लिहाजा यूपी का अगला मुख्यसचिव कौन होगा इसके लिए होड़ मची है। तो आइए, आज हम आपको बताते हैं कि कौन होगा यूपी का अगला मुख्सचिव और क्यों..?

30 जून को रिटायर हो रहे हैं राजीव कुमार

उत्तर प्रदेश का अगला मुख्य सचिव कौन होगा इसकी चर्चा जोर पकड़ने लगी है। मौजूदा मुख्यसचिव राजीव कुमार का रिटायरमेंट भी इसी महीने है, मुख्य सचिव राजीव कुमार का कार्यकाल बड़ाने को लेकर अभी कुछ भी साफ़ नहीं है, फिलहाल इसको लेकर नौकरशाही में तरह-तरह की चर्चाएं हैं।

राजीव कुमार का अगर नहीं हुआ सेवा विस्तार

अगर राजीव कुमार का एक्सटेंशन नहीं होता है तो अगले मुख्यसचिव की रेस में 1982 से 1984 बैच के 21 अफसर हैं लेकिन योगी सरकार और मोदी सरकार की मंशा साफ़ है की अगला मुख्यसचिव वही होगा जिसका कार्यकाल 2019 तक का होगा क्योंकि 2019 में लोकसभा चुनाव है। ऐसे में योगी सरकार ऐसे मुख्यसचिव की तलाश कर रही है जो कम से कम 2019 लोकसभा चुनाव तक रहे।

1982 बैच में 6 अफसर है

सबसे पहले बात 1981 बैच की जिससे खुद मुख्यसचिव राजीव कुमार और अनिल स्वरुप जुड़े हैं। हालांकि, दोनों का रिटायरमेंट इसी महीने है। अब बात 1982 बैच की, इसमें 6 अफसर है, लेकिन दौड़ में प्रवीर कुमार, अविनाश श्रीवास्तव और चंद्र प्रकाश ही हैं। इन तीनों का रिटायरमेंट 2019 और 2020 में है। प्रवीर कुमार कार्यवाहक मुख्य सचिव रह चुके है, और सीएम के करीबी भी माने जाते हैं।

1983 बैच में 8 अधिकारी है

इसके बाद आता है 1983 बैच, इस बैच में 8 अधिकारी है जिसमें राजीव कपूर, राहुल भटनागर, राजीव कुमार सेकेंड राजप्रताप सिंह और चंचल तिवारी, संजीव सरन और ललीत वर्मा है। इसमें राजप्रताप के अलवा सीएम का कोई भी करीबी नहीं और राजप्रताप का अगले महिने ही रिटायरमेंट है। लिहाजा इस बैच का कोई भी अधिकारी इस दौड़ में शामिल नहीं है।

1984 बैच में 7 अधिकारी हैं

अब बात 1984 बैच की, इस बैच में 7 अधिकारी हैं और माना जा रहा है कि अगले मुख्यसचिव की बड़ी दावेदारी इसी बैच के अधिकारियों के बीच है। इस बैच में अनंत कुमार सिंह, भारत सरकार में सचिव हैं और मार्च 2019 में रिटायर होंगे इसके बाद हैं दुर्गा शंकर मिश्रा जो कभी मायावती के करीबी माने जाते थे और प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री थे। फिलहाल भारत सरकर में सचिव है और इनका रिटायमेंट दिसंबर 2021 में है।

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अगला नाम अनुप चंद पांडेय का, फिहलाल यूपी के आईडीसी हैं और कार्यकाल 2019 तक है इनके नाम पर कोई विवाद नहीं है, किसान कर्जमाफी और इंवेस्टर्स समिट जैसे बड़े आयोजन इनकी ही अगुवाई में हुए हैं और सीएम के करीबी भी माने जाते हैं जातीय समीकरण भी इनके हक मे जाता है।

कार्यकाल मार्च 2022 तक है

इसके बाद रेस में, अगला नाम है संजय अग्रवाल का, इनका कार्यकाल मार्च 2022 तक है, फिलहाल ये यूपी के दोनों डिप्टी सीएम के विभागों के अपर मुख्य सचिव हैं और इनकी पहुंच लखनऊ से लेकर गुजरात और दिल्ली तक मानी जाती है। सरकार किसी कि भी हो लेकिन संजय़ अग्रवाल की जरुरत सभी को पड़ती है।

1984 से बाकी के 3 आईएस अधिकारी

हालांकि 1984 से बाकी के 3 आईएस अधिकारी और हैं लेकिन वो रेस से बाहर है जिसमे कुमार अरविन्द देव, शंभुनाथ शुक्ला और नेपाल सिंह रवि का नाम है। साफ है कि यूपी के मुख्य सचिव रेस में 1984 बैंच के चार अफसरों की चर्चा सबसे तेज है, इन चार में से दो दिल्ली में तैनात हैं जबकि दो लखनऊ में। ये चारों बेदाग और तेजतर्रार अधिकारी माने जाते हैं। अगर मौजूदा मुख्यसचिव राजीव कुमार को एक्सटेंशन नही मिलता है तो फिर इनमें से कोई एक मुख्य सचिव की कुर्सी पर बैठेगा ये लगभग तय है।

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