सुभाष राय मनुष्य है तो ग़लतियां करेगा ही। जो ग़लतियां नहीं करता, वह मनुष्य नहीं हो सकता। यह बात जितनी सही है,
वह वर्ष 1941 के फाल्गुन माह की वासंती प्रातः थी, जब मेरे गांव की गली से बड़ी मूंछों वाले रोबीले थानेदार एक
देवप्रिय अवस्थी प्रणब मुखर्जी आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रम में भाग लेने की वजह से चर्चा में हैं। संघ के कार्यक्रम
प्रदीप कुमार सावन में अंधा होने का मजा ही कुछ और है। बाहर भले ही सूखे से जमीन में दरार पड़ी हो
सुलखान सिंह अभी कल पर्यावरण दिवस था। कई कार्यक्रम हुए। कुल फोकस पेड़ लगाने पर दिखाई पड़ा।पर्यावरण संरक्षण में सबसे महत्वपूर्ण है
घाघ के जन्म स्थान के बावत लोगों में अनेकों कयास हैं. कुछ लोग उनका पैतृक निवास कन्नौज मानते हैं, जबकि पंडित राम
आंख पर अनेकों मुहावरें बने हैं। जब हम नौकरी में थे तो हमारे सीनियर गलत ड्राफ्टिंग पर कहते – आंखें बंद कर
फिल्म त्रिशूल में एक dialogue था- “अगर जमीर इतना महंगा बिकता तो सभी भिखारी करोड़पति बन गये होते”। मैंने देखा है कि
फोबिया एक डर है, जो सामान्य डर से अलग है। सामान्य डर वह होता है, जो परिस्थिति विशेष पर उत्पन्न होता है।
बिहार की जोकीहाट विधानसभा सीट पर उपचुनाव में आरजेडी के उम्मीदवार की जीत के बाद आरजेडी नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री
नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बने चार साल पूरे हो चुके हैं। उनके प्रधानमंत्रित्व काल का यह आखिरी साल है। सन् 2019 के
उदन्त मार्तण्ड को हिंदी का पहला समाचार पत्र होने का गौरव प्राप्त है। इसका प्रकाशन 30 मई, 1826 में कलकत्ता से एक
पहले लोग दण्ड पेलते थे, अब पुश अप करते हैं। देसी नाम फूहड़ लगता है। उसका अंग्रेजीकरण कर दीजिए तो फबने लगता