वाराणसी में समर्थकों ने सुभाष चंद्र बोस को दिया देवता का दर्जा

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—बनारस में बना देश का
—पहला नेताजी का मंदिर

पूरा देश आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 123 वी जयंती मना रहा है। इस दौरान वाराणसी से एक खास तस्वीर उभरकर आई। नेताजी के समर्थकों ने उनके नाम से बाकायदा के मंदिर बनवाया है। जहां सुबह शाम उनकी पूजा होगी। आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार ने पूरे विधि विधान से इस मंदिर का उद्घाटन किया।
समर्थकों ने सुभाष चंद्र बोस को दिया देवता का दर्जा, बनारस में बना देश का पहला नेताजी का मंदिर

वाराणसी। पूरा देश आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 123 वी जयंती मना रहा है। इस दौरान वाराणसी से एक खास तस्वीर उभरकर आई। नेताजी के समर्थकों ने उनके नाम से बाकायदा के मंदिर बनवाया है। जहां सुबह शाम उनकी पूजा होगी। आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार ने पूरे विधि विधान से इस मंदिर का उद्घाटन किया।

मंदिर में गूंजेंगे देश भक्ति के तराने

आजादी के नायक नेता जी सुभाष चंद्र बोस को इससे बड़ी श्रद्धांजलि कुछ और नहीं हो सकती। नेताजी के चाहने वालों ने उन्हें भगवान की कतार में ला खड़ा किया है। देवी देवताओं की तरह बनारस में अब नेताजी की भी पूजा होगी। सुबह-शाम आरती होगी। शंख बजेगा। देशभक्ति के तराने मंदिर में गूंजेंगे।नेताजी की 123वी जयंती पर आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार ने पूरे विधि विधान से इसका उद्धघाटन किया। ये मंदिर लमही इलाके में बना है, जो हिंदी जगत के बड़े कहानीकार प्रेमचंद्र की जन्मस्थली के रूप में मशहूर है। नेताजी के समर्थक इस मंदिर को उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि बता रहे हैं।

दलित महिला होगी महंत

मंदिर की महंत एक दलित बेटी को बनाया गया है। मंदिर के संस्थापक प्रोफेसर राजीव श्रीवास्तव कहते हैं कि नेता जी सुभाष चन्द्र बोस का ये मंदिर देश का पहला मंदिर होगा जो देश के आजादी में अहम योगदान निभाये है । इस मंदिर को देखकर लोगो के मन मे देश प्रेम की भावना जागृत होगी इसके साथ ही नेताजी से जुड़ा इतिहास पढ़ने को मिलेगा।

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