सीएम योगी के प्रयासों ने बदल दी मुसहर समाज की जिंदगी, अब बहने लगी विकास की धारा

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भूख, कुपोषण, बदहाली और उपेक्षा का दंश झेल रहे मुसहर समाज के जीवन में व्यापक परिवर्तन लेकर आए हैं। अब आलम यह है कि उन्हें न सिर्फ सरकार की सभी योजनाओं का लाभ मिल रहा है, बल्कि वह अब फर्श से अर्श का सफर कर रहे हैं। कुशीनगर जिले में 138 ग्राम सभाओं में 159 बस्तियों में मुसहर समाज के 10,414 परिवार हैं।

योगी सरकार की मुहिम ने बदली मुसहरों की तकदीर

चार साल पहले तक राशन के अभाव में भूख, कुपोषण, बीमारी और मौत ही इन्हें सुर्खियों में लाते थे, लेकिन किसी सरकार ने इनकी सुध नहीं ली। बेबसी में जीवन से संघर्ष कर मुसहर भगवान को कोसने के अलावा कुछ कर भी नहीं पाते थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिन्हें टॉफी वाले बाबा के नाम से यहां के बच्चे बुलाते हैं ने सत्ता में आते ही इनके लिए न सिर्फ नई योजनाओं की शुरुआत की, बल्कि धरातल पर योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए अधिकारियों के भी पेंच कसे।

बुनियादी सुविधाएं मिलने के बाद बदली तस्वीर

अब इन परिवारों में से 9,336 को अंत्योदय कार्ड और 1078 को पात्र गृहस्थी के तहत राशन कार्ड मिल चुका है। चूंकि सरकार की सख्ती राशन वितरण प्रणाली पर सतत रहती है, इसलिए इन मुसहरों को समय से चावल, गेहूं के साथ ही चना भी उपलब्ध कराया जाता है।

मुसहर बाहुल्य कुशीनगर के 10 ब्लॉकों में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत 7894 और इससे छूटे मुसहरों के मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत 2572 घर बन चुके हैं। स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के साथ 10,159 परिवारों को शौचालय की भी सुविधा मिली है।

मुसहरों के जीविकोपार्जन में कोई बाधा न आए, इसके लिए कुशीनगर जिले में मनरेगा के तहत 10,320 मुसहरों के जॉब कार्ड बनाए गए हैं और उन्हें समय से रोजगार मुहैया कराने के लिए सीएम योगी ने स्पष्ट निर्देश दे रखे हैं। पेंशन योजनाओं में पात्रों का चयन कर लाभान्वित करने का कार्य भी तेजी से किया गया, जिस कारण 1297 को वृद्धावस्था पेंशन और 180 को विकलांग पेंशन का लाभ मिल रहा है। सीएम योगी की मंशा के अनुरूप सभी पात्रों को योजनाओं का लाभ मिलेगा। इसके लिए आवास, शौचालय और पेंशन आदि योजनाओं के लिए लाभार्थियों के चयन की प्रक्रिया भी जारी है।

सरकारी योजनाओं का तेजी से मिल रहा लाभ

मुसहरों के लिए मकान और बच्चों की शिक्षा की बात सोचनी ही बेमानी थी, दो वक्त की रोटी के इंतजाम के ही लाले थे। लेकिन ‘दलितों में भी दलित’ समझे जाने वाले मुसहर समाज के लिए अब यह बातें इतिहास के पन्नों में सिमट रही हैं। सीएम योगी ने उन्हें तेजी से समाज और विकास की मुख्य धारा से जोड़ा है। मुसहर अब सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों में गिने जाते हैं। आवास, जमीन, शौचालय, बिजली, रसोई गैस, पेयजल, राशन कार्ड, पेंशन योजनाओं का लाभ, मनरेगा के तहत रोजगार सब कुछ उनके लिए सुलभ हो चुका है। मुसहरों की आगे की पीढ़ी और तरक्की करे, इसके लिए उनके बच्चे स्कूल भी जाने लगे हैं।

मूस पकड़ने वालों को कंप्यूटर का माउस पकड़ाने की कवायद

मार्च 2017 में सूबे की सत्ता संभालने के बाद से ही योगी सरकार ने ऐसे वंचित तबकों को अभियान चलाकर योजनाओं का लाभ पहुंचाया है। योगी सरकार की मंशा मूस (चूहा) पकड़ने वाले मुसहरों की वर्तमान और अगली पीढ़ी को कंप्यूटर का माउस पकड़ाने की है, ताकि वे बदलते दौर में किसी से भी पीछे न रहे। बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ सरकार मुसहरों की शिक्षा पर भी खासा ध्यान दे रही है। मुख्यमंत्री योगी जब भी वनवासियों-आदिवासियों के बीच होते हैं, तो आत्मीयता से उन्हें शिक्षा के प्रति प्रेरित करते हैं।

घुरपट्टी बांसगांव के मुसहर राजेंद्र की बातें वाकई गौर करने लायक हैं। “चार बरिस पहिले अउर आज के जिनगी में जमीन-आसमान जइसन फरीक आइल बा। राशन कारड ते बनल ही, हर महीना समय से राशन भी मिल जाला, जबकि पहिले राशन के कउन कहे कर्डवे नाही बनल रहे।” वह बताते हैं, “जोगी जी ने हम्मन के खबर लिहले त लकडवून (लॉकडाउन) में भी काम होत रहल।” राजेंद्र मुसहर के आवास का निर्माण लॉकडाउन के ही दौरान हुआ, सौभाग्य योजना से निशुल्क बिजली कनेक्शन भी मिला।

भेंडी जंगल गांव में 101 मुसहरों को आवास मिल गया है, जो गिनती के बचे हैं, उनका आवास भी स्वीकृत हो चुका है।

ब्लॉक मुसहर बाहुल्य ग्रामसभा

कसया 5

खड्डा 30

नेबुआ नौरंगिया 4

फाजिलनगर 10

तमकुहीराज 6

सेवरही 15

रामकोला 1

दुदही 36

विशुनपुर 14

पडरौना 17

मुसहर परिवारों की कुल संख्या 10,414

सर्वाधिक मुसहर परिवार, दुदही 2,770

अंत्योदय कार्ड 9,336

पात्र गृहस्थी कार्ड 1,078

जॉब कार्ड 10,320

शौचालय 10,159

‘मुसहरन के लइके अब पढ़े जालें’

भेंडी जंगल गांव की ही विधवा मुसहर इसरावती देवी के जीवन में आए बदलाव के बारे में पूछने पर वह भावुक हो जाती हैं। “मड़ई (झोपड़ी) में रहे के मजबूर मुसहरन के खातिर मकान, शौचालय, फिरी के बिजली, रसोई गैस, राशन सब जरुरति के पूरा कई दिहलन। मुसहरन के लइके अब पढ़े जालें।” वह बताती हैं कि कुछ लोगों के मकान बाकी रह गए हैं, उन्हें भी मिलने वाला है।

सीएम योगी बने उम्मीद किरण

विधवती देवी और नरेंदर मुसहर के मुताबिक ऐसा लगता है कि उजाले की पहली किरण ने दस्तक दी है। उनका मानना है कि बदलाव की शुरुआत करने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अभी उन्हें बहुत कुछ देने वाले हैं।

जागरूकता अभियान से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता राजेश मणि बताते हैं कि वाकई योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद मुसहर समाज की दशा में अभूतपूर्व परिवर्तन आया है। योगी जी अपने संसदीय कार्यकाल से ही मुसहरों की बेहतरी के लिए प्रयासरत रहे हैं, उनको हक दिलाने के लिए पदयात्रा तक की है। अब जबकि सूबे की कमान उनके हाथों में है, उन्होंने संघर्ष के दिनों के मुद्दे को अमलीजामा पहनाया है।

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योगी के मुख्यमंत्री बनने के बाद पूर्वाचल के सर्वाधिक मुसहर आबादी वाले जिले कुशीनगर में जुलाई, 2017 में मुसहर परिवार वेलफेयर सोसाइटी का गठन किया गया। इस सोसाइटी की प्रबन्ध कार्यकारिणी में डीएम अध्यक्ष, सीडीओ उपाध्यक्ष और एडीएम वित्त एवं राजस्व सचिव हैं। सीएमओ, डीआईओएस, बीएसए, डीएसओ, जिला गन्ना अधिकारी और जिला पंचायत राज अधिकारी सदस्य हैं। इसके अलावा समाज के 21 गणमान्य लोगों को सोसाइटी का सदस्य बनाया गया है। सोसाइटी मुसहर समाज के लिए योजनाओं के क्रियान्वयन पर मंथन करती है।

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