सावन का पहला सोमवार आज, ये राशियां ऐसे करें भगवान शिव को खुश

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आज सावन (Savan) की पहली सोमवारी है। देशभर के मंदिरों में इस मौके पर श्रद्धालु भगवान शिव का जलाभिषेक कर रहे हैं। शिव मंदिरों में भक्त सुबह से लंबी-लंबी कतारों में लगकर भगवान शिव के दर्शन का इंतजार कर रहे थे।

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पूरा पूरा श्रावण मास जप,तप और ध्यान के लिए उत्तम होता है, पर इसमें सोमवार का विशेष महत्व है। सोमवार का दिन चन्द्र ग्रह का दिन होता है और चन्द्रमा के नियंत्रक भगवान शिव हैं। अतः इसदिन पूजा करने से न केवल चन्द्रमा बल्कि भगवान शिव की कृपा भी मिल जाती है। कोई भी व्यक्ति जिसको स्वास्थ्य की समस्या हो, विवाह की मुश्किल हो या दरिद्रता छायी हो।

संतान की समस्याओं के लिए अचूक माना जाता है

अगर सावन के हर सोमवार को विधि पूर्वक भगवान शिव की आराधना करता है तो तमाम समस्याओं से मुक्ति पा जाता है। सोमवार और शिव जी के सम्बन्ध के कारण ही माँ पार्वती ने सोलह सोमवार का उपवास रखा था। सावन का सोमवार विवाह और संतान की समस्याओं के लिए अचूक माना जाता है।

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क्या है सावन के सोमवार के व्रत का महत्व?

-भगवान शिव की पूजा के लिए और ख़ास तौर से वैवाहिक जीवन के लिए सोमवार की पूजा की जाती है

-अगर कुंडली में विवाह का योग न हो या विवाह होने में अडचने आ रही हों तो संकल्प लेकर सावन के सोमवार का व्रत किया जाना चाहिए

-अगर कुंडली में आयु या स्वास्थ्य बाधा हो या मानसिक स्थितियों की समस्या हो तब भी सावन के सोमवार का व्रत श्रेष्ठ परिणाम देता है

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– सोमवार व्रत का संकल्प सावन में लेना सबसे उत्तम होता है , इसके अलावा इसको अन्य महीनों में भी किया जा सकता है

-इसमें मुख्य रूप से शिव लिंग की पूजा होती है और उस पर जल तथा बेल पत्र अर्पित किया जाता है

ये है भगवान शिव को खुश करने का खास मंत्र

इस बार सावन के सोमवार की क्या विशेषता है?

– इस बार सावन का सोमवार सौभाग्य योग और शतभिषा नक्षत्र में पड़ेगा

– शतभिषा नक्षत्र में सौ तारे माने जाते हैं

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– माना जाता है कि इस नक्षत्र में की गयी उपासना से तारे सितारे बेहतर हो जाते हैं

– इसके अलावा वैद्यों से इसका सम्बन्ध होने के कारण हर तरह के रोग से निजात मिलती है

– शतभिषा नक्षत्र में सावन का पहला सोमवार आकस्मिक बाधाओं से मुक्ति भी दिलाएगा

सावन के सोमवार की सामान्य पूजा विधि

– प्रातः काल स्नान करने के बाद शिव मंदिर जाएं.

– घर से नंगे पैर जायें तथा घर से ही लोटे में जल भरकर ले जायें

– मंदिर जाकर शिवलिंग पर जल अर्पित करें, भगवान को साष्टांग करें

– वहीँ पर खड़े होकर शिव मंत्र का १०८ बार जाप करें

– दिन में केवल फलाहार करें

– सायंकाल भगवान के मन्त्रों का फिर जाप करें, तथा उनकी आरती करें

– पूजा की समाप्ति पर केवल जलीय आहार ग्रहण करें

– अगले दिन पहले अन्न वस्त्र का दान करें तब जाकर व्रत का पारायण करें

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सावन के पहले सोमवार को भगवान शिव को क्या अर्पित करें?

मेष- भगवान शिव को फूल अर्पित करें ,

इससे स्वास्थ्य और रोजगार की बाधाएं दूर होंगी

वृष- शिव जी को दही और जल चढ़ाएं ।

इससे सम्पन्नता और सुखद वैवाहिक जीवन का वरदान मिलेगा

मिथुन- शिव जी को बेल पत्र अर्पित करें ,

इससे कैरियर की और संतान की समस्याएं दूर होंगी

कर्क- दूध मिश्रित जल अर्पित करें ,

स्वास्थ्य की समस्याओं और दुर्घटनाओं से रक्षा होगी

सिंह- गन्ने का रस अर्पित करें ,

सम्पन्नता मिलेगी और संतान प्राप्ति सरल होगी

कन्या- भांग और धतूरा अर्पित करें ,

तनाव कम होगा , जीवन में स्थिरता आयेगी

तुला- इत्र या सुगंध अर्पित करें ,

विवाह और नौकरी की बाधाएं दूर होंगी

वृश्चिक- शिव जी को अबीर गुलाल अर्पित करें ,

विवाद , मुकदमेबाजी और तनाव से बचे रहेंगे

धनु- शिव के समक्ष घी का दीपक जलाएँ,और आरती करें

आपको हर कार्य में सफलता मिलेगी और बाधाएं नहीं आएंगी

मकर- शिव जी को तिल और जल अर्पित करें ,

संतान पक्ष और वैवाहिक पक्ष की समस्याओं में सुधार होगा

कुम्भ- शिव जी को जल और बेल पत्र चढाएँ,

मानसिक शांति और क्रोध पर नियंत्रण मिलेगा

मीन- शिव जी को चन्दन अर्पित करें,

स्वास्थ्य उत्तम रहेगा , धन की कमी नहीं होगी

साभार

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