26 मई को होगा 3 घंटे का चंद्रग्रहण, बढ़ सकती हैं ये समस्याएं

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चंद्रग्रहण को वैज्ञानिक दृष्टि से जहां एक विशेष खगोलीय घटना माना जाता है। वहीं, धर्म और ज्योतिषीय गणनाओं की दृष्टि में चंद्रग्रहण एक बहुत महत्वपूर्ण घटना होती है जो पूरी प्रकृति के साथ साथ व्यक्तिगत रूप से भी हमें प्रभावित करती है, ज्योतोषिय गणनाओं के अनुसार चंद्रग्रहण हमेशा केवल पूर्णिमा के दिन ही होता है।

चन्द्रमा को जगत का मन कहा गया है और ज्योतिष में चन्द्रमा को मन का कारक ग्रह माना गया है। इसलिए चंद्रग्रहण का समय निश्चित रूप से वातावरण में मानसिक उद्वेग का तो होता ही है पर भौगोलिक सामाजिक और व्यक्तिगत रूप से भी ग्रहण काल को एक संघर्ष उत्पन्न करने वाला समय ही माना गया है।

कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच चंद्र ग्रहण को लेकर लोग बेहद चिंतित दिखाई दे रहे हैं और देश के अलग अलग ज्योतिषाचार्य भी चंद्र ग्रहण को लेकर अपनी गणनाएं कर रहे हैं.

ज्योतिषाचार्य के अनुसार

आने वाले 26 मई बुधवार के दिन खग्रास चंद्रग्रहण होगा, ग्रहण का आरम्भ दोपहर 3 बजकर 15 मिन्ट पर होगा और मोक्ष शाम 6 बजकर 23 मिन्ट पर होगा यानी के दोपहर सवा तीन बजे से शाम को 6:23 तक लगभग तीन घंटे का ये चंद्रग्रहण होगा। हालांकि चंद्रोदय शाम को 6 बजे के निकट होने चंद्रग्रहण को भारत के पूर्वी भाग में कुछ ही मिन्ट के लिए प्रत्यक्ष रूप से देखा जा सकेगा, लेकिन वास्तविक रूप से तो ये चंद्रग्रहण तीन घंटे उपस्थित रहेगा इसलिए इसका प्रभाव भौगोलिक और व्यक्तिगत रूप से सभी के ऊपर पड़ेगा। इस चंद्रग्रहण का सूतक ग्रहण से नौ घंटे पहले 26 मई की सुबह 6:15 पर लग जायेगा।

चंद्रग्रहण का प्रभाव

इस बार होने वाला ये चंद्रग्रहण इसलिए बहुत ज्यादा प्रभावी होगा क्योंकि ग्रहण के दिन चन्द्रमां अपनी नीच राशि में रहेगा इसलिए ये ग्रहण मानिसक रुप से सभी लोगों को अत्यधिक पीड़ित और परेशान करेगा, अधिकांश लोगों में घबराहट, ओवर थिंकिंग, नकरात्मक विचार, डिप्रैशन, चिड़चिड़ापन की स्थति बनेगी और 26 तारिख के आस-पास के दिनों में ये चीजें ज्यादा हावी होंगी, इसलिए अगले लगभग 15 दिनों के समय में आपको अपनी मानसिक स्थिति और बिहेवियर पर बहुत ज्यादा नियंत्रण रखना होगा नकारात्मक विचारों से बचना होगा।

इस समय में अपने घर परिवार में किसी के साथ बहस या आर्ग्युमेंट्स करना आपके जीवन में बड़ी समस्यायों को बढ़ा सकता है इसलिए अपने आप को शांत रखें, वर्तमान कोरोना की सिचुएशन के कारण जो लोग पहले से ही एंग्जायटी और डिप्रैशन  का सामना कर रहे हैं। वे सभी लोग अगले 15 दिन ओवर थिंकिंग और नकारात्मक विचारों से विशेष रूप से बचें और आगे बताये गए उपाय अभी से शुरू कर दें।

इसके अलावा ये ग्रहण जल तत्व राशि में बन रहा है। इसलिए अतिवर्षा, आंधी तूफ़ान, और भूकंप जैसी स्थितियां आगे अगले एक माह के अंदर कई बार बनेंगी और सामाजिक और राजनैतिक दृष्टि से भी बड़ी उठा पटक की स्थिति अगले कुछ महीनो में बन सकती है।

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अगर बारह राशियों की दृष्टि से देखें तो ये चंद्रग्रहण “वृश्चिक राशि” और अनुराधा नक्षत्र में बनेगा इसलिए मुख्य रूप से वृश्चिक राशि के लोगों पर इस ग्रहण का सबसे ज्यादा रभाव होगा पर इसके अलावा मेष सिंह और धनु राशि के लोगों के लिए भी ये ग्रहण विशेष रूप से प्रभावित करेगा। ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस चंद्रग्रहण का बारह राशियों पर प्रभाव कुछ इस प्रकार होगा।

  • मेष राशि –  संघर्ष उत्पन्न होगा, स्वास्थ समस्याएं बढ़ेगी।
  • वृष राशि – वैवाहिक जीवन में तनाव बढ़ेगा विवादों से बचें।
  • मिथुन राशि – स्वास्थ में उतार चढ़ाव आयेगा, आर्ग्युमेंट्स हो सकते हैं।
  • कर्क राशि – पेट की समस्याएं होंगी, संतान पक्ष के साथ डिस्प्यूट्स से बचें।
  • सिंह राशि – पारिवारिक विवाद बढ़ेंगे अतः अपने व्यव्हार पर नित्यंतरण रखें।
  • कन्या राशि – छोटे भाई बहनो से आर्ग्युमेंट्स हो सकते हैं इसे अवॉयड करें।
  • तुला राशि – आर्थिक समस्या बढ़ेगी, सम्बन्धियों से विवाद बढ़ सकते हैं।
  • वृश्चिक राशि – मानिसक और शारीरिक दोनों समस्याएं बढ़ेंगी, नकारात्मक विचारों से बचें।
  • धनु राशि – धन हानि हो सकती है आर्थिक लेन देन में सावधानी रखें।
  • मकर राशि – बड़े भाई बहनो से आर्ग्युमियंट्स हो सकते हैं इसे अवॉयड करें।
  • कुम्भ राशि –  ऑफिशियल प्रॉब्लम्स बढ़ सकती हैं अपने सीनियर्स से आर्ग्युमेंट्स ना करें।
  • मीन राशि – आपके कार्यों में अड़चने बढ़ेंगी मानसिक तनाव के साथ काम पूरे होंगे।

इस चंद्रग्रहण के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए अभी से ये उपाय शुरू करें।

  • ॐ सोम सोमाय नमः  का एक माला  अर्थात 108  बार रोज जाप करें।
  • दूध, चावल, बूरा और अन्य सफ़ेद खाद्य पदार्थों का दान करें।
  • महामृत्युंजय मंत्र का भी सामर्थ्यानुसार रोज जाप करें।
  • अपने इष्ट मंत्र का जाप करें।
  • हनुमान चालीसा और संकट मोचन का प्रतिदिन पाठ करें।

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