सुप्रीम कोर्ट का आदेश, कल कराया जाए शक्ति परीक्षण

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कर्नाटक में बीजेपी को सरकार बनाने का न्योता देने के बाद उपजे विवाद पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि कर्नाटक में शनिवार यानी कल ही फ्लोर टेस्ट कराया जाएगा। यानी अब तय हो गया कि कर्नाटक में बीजेपी को बहुमत साबित करने के लिए अब 14 दिनों का समय नहीं मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) की 3 सदस्यीय बेंच के सामने बीजेपी और कांग्रेस-जेडीएस के पक्ष में दलीलें रखी गईं। सबसे पहले बीजेपी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट को वह लेटर उपलब्ध कराया गया जिसे येदियुरप्पा की तरफ से राज्यपाल को भेजा गया था।

फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार भाजपा

कांग्रेस-जेडीएस की याचिका के खिलाफ एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट में वह पत्र सौंपा जिसमें येदियुरप्पा को बीजेपी विधायक दल का नेता चुना गया था। मुकुल रोहतगी ने बीजेपी की तरफ से दलील देते हुए कहा कि पार्टी के पास बहुमत साबित करने के लिए विधायकों की पर्याप्त संख्या है और हम फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हैं। बीजेपी के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि कांग्रेस और जेडीएस विधायकों से समर्थन मिलेगा और इस मौके पर मैं इससे अधिक कुछ नहीं कहना चाहता हूं।

पोस्ट-पोल अलायंस कर कांग्रेस सरकार बनाने का दावा कर रही है

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्री-पोल अलायंस, पोस्ट-पोल अलायंस से अलग होता है और लोगों को प्री-पोल अलायंस की जानकारी होती है। पोस्ट-पोल प्री पोल की तुलना में थोड़ा हल्का होता है। कोर्ट ने कहा कि आखिरकार चीजें फ्लोर टेस्ट से ही तय होनी चाहिए। आपको बता दें कि कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस ने पोस्ट-पोल अलायंस बना सरकार बनाने का दावा पेश किया है।

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किसे मिलेगा फ्लोर टेस्ट का पहला मौका ?

कांग्रेस का पक्ष रख रहे ऐडवोकेट सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट से पूछा कि पहले कोर्ट यह तय करे कि बहुमत साबित करने का मौका सबसे पहले किसे मिलना चाहिए। कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन को या बीजेपी को। सिंघवी की दलील पर जस्टिस बोडे ने कहा कि जिसे भी मौका मिलेगा आखिरकार सदन बहुमत की तरफ ही जाएगा।

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