दुनिया में पत्रकारिता का उदय

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पत्रकारिता का उद्देश्य लोगों को कुछ नया, दिलचस्प और उपयोगी बताना है जो वे नहीं जानते। ज्यादातर पत्रकार, खास तौर पर वे पत्रकार जिनकी हम सभी प्रशंसा करते हैं, अक्सर चिंतित रहते हैं कि उनकी रिपोर्ट तथ्यों पर आधारित हो, उसमें कोई नई बात निकल कर आए। मौलिक पत्रकारिता एक कौशल है जिसे आप सीख सकते हैं लेकिन यह दिन-ब-दिन मुश्किल होती जा रही है।

पत्रकारिता आधुनिक सभ्यता का एक प्रमुख व्यवसाय है जिसमें समाचारों का एकत्रीकरण करना, लिखना, रिपोर्ट करना, सम्पादित करना और प्रस्तुतीकरण आदि सम्मिलित है। वर्तमान युग में पत्रकारिता के भी अनेक माध्यम हो गये हैं। जैसे- अखबार, टेलीविजन, रेडियों, मैगजीन, न्यू मीडिया (वेब पत्रकारिता) आदि शामिल है।

विश्व में पत्रकारिता का उदय सन 131 ईस्वी पूर्व रोम में हुआ था। उस साल पहला दैनिक समाचार-पत्र निकलना शुरु होने लगा। उस अखबार का नाम था- “Acta Diurna” (दिन की घटनाएं)। वास्तव में यह पत्थर की या धातु की पट्टी होता था जिस पर समाचार लिखे होते थे।old-writing-slabये पट्टियां रोम के मुख्य स्थानों पर रखी जाती थीं और इनमें वरिष्ठ अधिकारियों की नियुक्ति, नागरिकों की सभाओं के निर्णयों और ग्लेडिएटरों की लड़ाइयों के परिणामों के बारे में सूचनाएं मिलती थीं।
मध्यकाल में यूरोप के व्यापारिक केंद्रों में ‘सूचना-पत्र’ निकलने लगे। उनमें कारोबार, क्रय-विक्रय और मुद्रा के मूल्य में उतार-चढ़ाव के समाचार लिखे जाते थे। लेकिन ये सारे ‘सूचना-पत्र’ हाथ से ही लिखे जाते थे।

15वीं शताब्दी के मध्य में योहन गूटनबर्ग ने अखबार छापने की मशीन का आविष्कार किया। असल में उन्होंने धातु के अक्षरों का आविष्कार किया। इसके फलस्वरूप किताबों का ही नहीं, अखबारों का भी प्रकाशन संभव हो गया।

16वीं शताब्दी के अंत में, यूरोप के शहर स्त्रास्बुर्ग में, योहन कारोलूस नाम का कारोबारी धनवान ग्राहकों के लिये सूचना-पत्र लिखवा कर प्रकाशित करता था। लेकिन हाथ से बहुत सी प्रतियों की नकल करने का काम महंगा भी था और धीमा भी। उसके बाद वह प्रकाशन की मशीन खरीद कर 1605 में समाचार-पत्र छापने लगा। समाचार-पत्र का नाम था ‘रिलेशन’। यह विश्व का प्रथम मुद्रित समाचार-पत्र माना जाता है।

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