निजी निवेश बढ़ने के रास्ते की बाधाओं पर दे ध्यान : रंगराजन

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भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी. रंगराजन ने शुक्रवार को कहा कि जिस पैकेज से सरकार अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करना चाहती है, उसमें आंशिक तौर पर पूंजीगत व्यय बढ़ाने की बात होनी चाहिए और निजी निवेश बढ़ने के रास्ते की बाधाओं पर ध्यान देना चाहिए।

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पूंजीगत व्यय को आंशिक तौर पर बढ़ाने के लिए होना चाहिए

एसोचैम द्वारा आयोजित 10वें अंतर्राष्ट्रीय स्वर्ण शिखर सम्मेलन से इतर रंगराजन ने संवाददाताओं से कहा, “मेरी राय में पैकेज का इस्तेमाल सरकार के पूंजीगत व्यय को आंशिक तौर पर बढ़ाने के लिए होना चाहिए, लेकिन जिस भी तरह से यह निजी निवेश को बढ़ावा दे, वही उपयुक्त तरीका होगा।”

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विकास दर में गिरावट के साथ निवेश दर में गिरावट आई

उन्होंने कहा कि विकास दर में गिरावट के साथ निवेश दर में गिरावट आई है।रंगराजन ने कहा, “ज्यादा गंभीर बात यह है कि निजी निवेश गिरा है। वास्तविकता यह है कि पूंजी पर सार्वजनिक व्यय में कुछ मामूली वृद्धि हुई है। इसलिए सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा उन समस्याओं के समाधान का है, जो निजी निवेश को बढ़ने से रोक रही हैं।”

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अतिरिक्त कर्ज उपलब्ध कराया जा सकें

उन्होंने सुझाव दिया कि दो चीजें की जा सकती हैं। कई परियोजनाएं रुकी हुई हैं, यह सुनिश्चित किया जाए कि रुकी परियोजनाएं सक्रिय हों। दूसरा, बैंकिंग प्रणाली को पुनर्पूजीकरण की जरूरत है, ताकि निवेश के लिए अतिरिक्त कर्ज उपलब्ध कराया जा सकें।

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