गठबंधन के खिलाफ योगी के इस प्लान से उड़ेंगे माया-अखिलेश के होश

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उत्तर प्रदेश  में एसपी-बीएसपी (SP-BSP) गठबंधन की काट के रूप में योगी सरकार आगामी बजट सत्र में ओबीसी जातियों के वर्गीकरण वाली रिपोर्ट को विधानसभा में पेश कर सकती है। इससे सरकार यह संकेत देना चाहती है कि वह ओबीसी कोटे के तहत मिलने वाले 27 फीसदी आरक्षण को कई हिस्सों में बांटने का इरादा रखती है।

उत्तर प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने बताया, ‘एसपी-बीएसपी गठबंधन का सबसे सटीक जवाब इस रिपोर्ट को लागू करना है। हमें यह तुरंत करना चाहिए।’ राजभर ने बताया कि उन्होंने पहले ही बीजेपी चीफ अमित शाह को बता दिया था कि यह रिपोर्ट ‘ब्रह्मास्त्र’ है।

बीजेपी तभी से इस पर काम कर रही थी

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास पिछले 2 महीनों से यह रिपोर्ट पड़ी हुई है। एक वरिष्ठ बीजेपी नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, ‘हम इस रिपोर्ट के साथ सैद्धांतिक रूप से सहमत हैं। राजनाथ सिंह जब यूपी के मुख्यमंत्री थे, बीजेपी तभी से इस पर काम कर रही थी। इसके राजनीतिक प्रभाव का आकलन किया जा रहा है। अभी मुख्यमंत्री को इस रिपोर्ट को मंजूरी देनी है और उसके बाद आगामी सत्र में इसे विधानसभा में भी पेश किया जा सकता है।’

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हालांकि एक अन्य बीजेपी नेता ने बताया कि पार्टी इस रिपोर्ट को लेकर उलझन में है क्योंकि इसका अच्छा और बुरा दोनों असर हो सकता है। यह रिपोर्ट 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण को तीन हिस्सों- पिछड़ा, अति पिछड़ा और सर्वाधिक पिछड़ा में बांटने की सिफारिश करती है। इसमें पिछड़ा वर्ग को 7 फीसदी, अति पिछड़ा वर्ग को 11 फीसदी और सर्वाधिक पिछड़ा वर्ग को 9 फीसदी आरक्षण दिए जाने का प्रस्ताव है। इसका सबसे ज्यादा असर यादवों पर पड़ेगा, जो राज्य में ओबीसी कोटे के अंदर सबसे बड़ी आबादी है।

एक बीजेपी नेता ने बताया, ‘यह गैर-यादव ओबीसी समुदाय के लिए अच्छी खबर होगी, जिन्होंने 2017 विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी को वोट दिया था। इस रिपोर्ट के लागू होने से वह लोकसभा चुनाव में एक बार फिर से पार्टी के पक्ष में लामबंद हो सकते हैं। हालांकि कुर्मी और लोध वोटर्स इससे खासे नाराज होंगे, जो बीजेपी के मजबूत वोटबैंक माने जाते हैं।’

बीजेपी की सहयोगी पार्टी अपना दल की चीफ और सांसद अनुप्रिया पटेल ने इस रिपोर्ट को लागू करने को लेकर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि बिना जातिगत जनगणना के आंकड़े को जारी किए, इस रिपोर्ट को लागू करना गलत है।

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