पीपली लाइव के डायरेक्टर को ‘सुप्रीम राहत’

0

विदेशी छात्रा से कथित रेप के आरोप में पीपली लाइव के को-डायरेक्टर महमूद फारूकी को राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने उनको बरी किए जाने के फैसले के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘हम दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। यह एक सुविचारित फैसला है।’

रेप मामले में कोर्ट ने किया था बरी

कोलंबिया निवासी 30 वर्षीय पीड़िता साल 2014 में दिल्‍ली आई थी। इसी दौरान उसकी मुलाकात फारूकी के साथ हुई। आरोप है कि फारूकी ने उसे 28 मार्च 2015 को सुखदेव विहार स्‍थित अपने घर पर खाने पर बुलाया और रात में उसके साथ रेप किया।

Also Read : अंगूरी भाभी’ को टक्कर देने के लिए आ गई है ‘तंदूरी भाभी’

इस मामले में न्‍यू फ्रेंड्स कॉलोनी थाने में शोध छात्रा ने शिकायत की और ट्रायल कोर्ट ने फारूकी को सात साल कैद की सजा सुनाई गई। इसके बाद दिल्‍ली हाईकोर्ट ने फैसला बदलते हुए फारूकी को रेप के आरोपी से बरी कर दिया। फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने बेहद अहम टिप्पणी करते हुए कहा था कि ‘हर बार नो का मतलब नो नहीं होता।’ कोर्ट ने कहा, ‘महिला का नो फारूकी के लिए स्पष्ट नहीं था।’

ये था मामला

अगस्त 2016 में साकेत कोर्ट ने महमूद फारूकी को एक अमेरिकी शोध छात्रा के साथ रेप के मामले में दोषी करार दिया था। उन्हें सात साल की सजा और 50 हजार का जुर्माना लगाया था। उस वक्त उनके लिए उम्रकैद की सजा की मांग भी की गई थी।

हालांकि ये मांग इस आधार पर खारिज कर दी गई थी कि बलात्कार की अधिकतम सजा उम्रकैद उन मामलों मे दी जाती है, जहां पर गैंगरेप या नाबालिग का रेप किया गया हो। कहा गया कि फारूकी के मामले में कोई बर्बरता नहीं हुई है।

(साभार- न्यूज18 हिंदी)

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More