आतंकवाद गंभीर मुद्दा, मिलकर लड़ने की जरुरत : सुषमा

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विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संयुक्त राष्ट्र में कहा कि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के आठ सदस्यों को आतंकवाद के खिलाफ समन्वय मजबूत करने और इस लड़ाई को संगठन के बुनियादी ढांचे के अनुरूप बनाने की जरूरत है।

इतर चीन के विदेश मंत्री वांग यी से भी मुलाकात की

सुषमा ने बुधवार को एससीओ की मंत्रीस्तरीय बैठक के दौरान आतंकवाद की पुरजोर निंदा करते हुए कहा कि आतंकवाद रोधी ढांचा इस संगठन का हिस्सा होना चाहिए। पाकिस्तान भी इस संगठन का सदस्य है।सुषमा ने बैठक से इतर चीन के विदेश मंत्री वांग यी से भी मुलाकात की।

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भारत बीते जून में एससीओ से जुड़ा था। इस संगठन के अन्य सदस्य देशों में कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, चीन, रूस और पाकिस्तान हैं।

देशों के बीच संपर्क बनाए रखना भारत की प्राथमिकता है

उन्होंने कहा कि भारत एससीओ को प्रभावी क्षेत्रीय मंच के रूप में विकसित करने के लिए व्यापक रूप से सहयोग जारी रखेगा और इसके सदस्य देशों के बीच संपर्क बनाए रखना भारत की प्राथमिकता है, लेकिन इसका निर्माण संप्रभुता के सम्मान के साथ किया जाना चाहिए।

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चाबहार समझौता और अश्गाबात समझौता है

इस संदर्भ में सुषमा ने तीन परिवहन परियोजनाओं का उल्लेख किया, जो कनेक्टिविटी लक्ष्यों के लिए प्रासंगिक है, हलांकि इसमें से कुछ एससीओ से बाहर की हैं। ये तीन परियोजनाएं उत्तरी-दक्षिण परिवहन गलियारा, चाबहार समझौता और अश्गाबात समझौता है।

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भारत इस समझौते से जुड़ने की प्रक्रिया में है

चाबहार समझौता भारत, अफगानिस्तान और ईरान के बीच हुआ है। इसके तहत भारतीय सामान तेहरान के जरिए काबुल पहुंच सकते हैं। यह त्रिपक्षीय पारगमन तुर्कमेनिस्तानके जरिए कजाकिस्तान तक बढ़ सकता है।अश्गाबात समझौता ओमान, ईरान, तुर्कमेनिस्तान, उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान और पाकिस्तान को जोड़ने वाला परिवहन गलियारा है। भारत इस समझौते से जुड़ने की प्रक्रिया में है।

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