काम ना मिलने के चलते डिप्रेशन की शिकार हुई ये अभिनेत्री, कर रहीं हैं ये काम

0

कलियुग से अपने ऐक्टिंग करियर की शुरूआत करने वालीं स्माइली सूरी आपको याद ही होगी। हालांकि अपनी पहली फिल्म से पॉप्युलर हुईं स्माइली अचानक से गायब हो गईं। मयूरी मोहित सूरी की बहन और महेश भट्ट की भांजी स्माइली कलियुग के बाद इक्का-दुक्का फिल्मों में ही नजर आईं। आपको बता दें, स्माइली इन दिनों फिल्मों से हटकर लोगों को मलखम और पोल डांसिंग की ट्रेनिंग देती हैं।

स्माइली 6 मई से शक्ति पोल कैंप का आयोजन करने जा रही हैं। जहां वह विभिन्न डांस फॉर्म के जरिए लोगों को मानसिक तनाव से उबरने का तरीका बताएंगी। अपनी इस योजना और ऐक्टिंग लाइफ के बारे में स्माइली ने की हमसे बातचीत…

पोल सिखाता है वर्तमान में जीना

जब मैं पोल डांस कर रही थी तो डांस के वक्त एकाग्र होना पड़ता। उस वक्त आपका ध्यान थोड़ा भी इधर-उधर भटकता तो आप बैलेंस खो देते और गिर जाते। ऐसे में मुझे एहसास हुआ कि वर्तमान में ही जीने का असल मजा है। हम बिना वजह पास्ट की बातों को सोचकर रोते हैं और भविष्य की सोचकर चिंतित होते हैं। जबकि असल जिंदगी तो आपके वर्तमान में ही है।

also read :  कचरा बिनने वाले ने लौटाया नोटो से भरा बैग, कायम की मिसाल

इस डांस ने मुझे अपने डिप्रेशन से निकालने में बहुत मदद की है। पोल करने से आपकी सेहत भी ठीक होती है और मन में एक सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह भी होता है। मैंने खास पोल की ट्रेनिंग वापस सिंगापुर जाकर ली। वहां से आकर यहां लोगों को सिखाने लगी। सच कहूं मेरे यहां जितने भी लोग आते वे एक महीने में ही कॉन्फिडेंस से भर जाते। पोल आपके अंदर की इच्छाशक्ति को जगाता है। इसलिए 6 मई को मैं मुंबई के लोगों के लिए शक्ति पोल कैंप का आयोजन करने जा रही हूं।

काम न मिलने की वजह से डिप्रेशन में चली गई

मैं बचपन से ही डांस की शौकीन रही हूं। कलियुग के बाद ज्यादा फिल्मों के ऑफर्स नहीं आ रहे थे। जिस वजह से उस वक्त मैं डिप्रेशन में चली गई थी। काम न मिलने के कारण जिंदगी में एक खोखलापन सा आ गया था। हालत तो ऐसी हो गई कि मैं धीरे-धीरे मोटी होती चली गई। फैमिली में मुझे छोड़ हर कोई सक्सेसफुल है, यह देख और बुरा लगता। मैंने इन सबसे बचने के लिए डांस की ओर अपना फोकस किया। मैं दुबई में एरियल क्लास के लिए 200 दीरम भरे थे लेकिन उस दिन किसी कारणवश एरियल डांस के बजाए पोल डांस की ट्रेनिंग हो गई। मैंने जब पहली बार पोल डांस किया तो मुझे बड़ी खुशी हुई और यहां से मेरे डांस जर्नी की शुरुआत हुई।

कलियुग का किरदार मुझे ही ध्यान में रख कर लिखा गया था

आज भी लोग मुझे कलियुग के किरदार की वजह से पहचानते हैं। मैं असल जिंदगी में बिलकुल कलियुग के उस किरदार की तरह ही हूं। मैं भी हर चीजों को लेकर डरी रहती हूं और दिन रात पूजा पाठ करती रहती हूं। मोहित ने मुझे ही ध्यान में रखकर उस किरदार को लिखा था। उन्हें जब उस किरदार के लिए कोई ऐक्ट्रेस नहीं मिली तो मुझे करनी पड़ी। वैसे उसके लिए भी मुझे बाकायदा ऑडिशन देना पड़ा था। मैं मानती हूं एक ऐक्टर आधी जंग वहीं जीत जाता है जब उसे एक बेहतरीन रोल मिले। इसलिए फिल्मों में अच्छा रोल मिलना बेहद जरूरी है। मैंने कलियुग के बाद दो तीन फिल्में की लेकिन किसी कारणवश वे चल नहीं पाईं। इसके बाद कभी कुछ ऑफर्स ही नहीं आए।

मेरा मकसद ही कुछ और था

मेरे परिवार वाले भी अपनी-अपनी जिंदगी में व्यस्त चल रहे थे। मोहित को लगता था कि मैं फिल्मों के लिए बनी ही नहीं। बहुत ज्यादा ही सीधी हूं। वहीं इमरान भी अपने बेटे के कैंसर की वजह से परेशान थे। मैं अपनी परेशानी किससे शेयर करती? जब फिल्में नहीं मिल रही थी तो मैं शेल में छुप गई थी। मैंने दोस्तों और परिवार वालों से मिलना बंद कर दिया था। नतीजतन अवसाद और तमाम तरह की बीमारियों ने घेर लिया। मुझे थाइरॉइड भी हो गया। जब डांस करने लगी तो एहसास हुआ शायद मेरा मकसद ही कुछ और था। इस बीच मेरे डांस टीचर्स मेरे सपॉर्ट सिस्टम बनें और उन्होंने मुझे एक नई दिशा दी। मैं भविष्य में एक स्कूल खोलना चाहती हूं जहां लोगों को डांस सिखा सकूं। इसके अलावा मुझे फिल्मों में दोबारा ऐक्टिंग करने से कोई गुरेज नहीं है। अगर किसी अच्छे डांस सॉन्ग का ऑफर आता है तो वह करना चाहूंगी।

NBT

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More