सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने कहा- रिव्यु पेटिशन डालने का कोई विचार नहीं

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उत्‍तर प्रदेश सुन्‍नी वक्‍फ बोर्ड के अध्‍यक्ष जफर फारूकी ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का विनम्रता पूर्वक सम्‍मान करते हैं।

मैं यह साफ करना चाहता हूं कि यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड सुप्रीम कोर्ट के आदेश की समीक्षा के लिए अपील नहीं करेगा।

न ही कोई उपचारात्मक याचिका दायर करेगा।

इस तरह यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने कह दिया है!

वह अयोध्‍या मामले में सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला आया है, वह इसे कोर्ट में चुनौती देने पर विचार नहीं कर रहा है।

बोर्ड के अध्यक्ष जुफर फ़ारूक़ी ने कहा कि 5 एकड़ जमीन लेने को लेकर बोर्ड के मेंबर के साथ बातचीत के बाद फैसला लिया जाएगा।

उन्होंने साफ कहा, ‘हमें सुप्रीम कोर्ट का फैसला मान्य है।

फैसले से पहले सभी का कहना था कि कोर्ट का फैसला मान्य होगा।

इसलिए अब अगर कोई रिव्यु पेटिशन की बात करता है तो यह गलत होगा।’

यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड

70 साल तक चली कानूनी लड़ाई और 40 दिन तक लगातार मैराथन सुनवाई के बाद आज अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का बहुप्रतीक्षित फैसला आ गया है।

फैसला आने के बाद रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के पक्षकार रहे यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है।

बोर्ड ने कहा कि वह इस फैसले को चुनौती नहीं देगा।

अध्यक्ष जुफर फ़ारूक़ी ने कहा कि वह न्यायालय के निर्णय का स्वागत करते हैं!

बोर्ड का इस फैसले को चुनौती देने का कोई विचार नहीं है।

शिया मौलाना ने भी किया फैसले का स्वागत

शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है।

उन्होंने कहा, ‘हम विनम्रतापूर्वक सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार करते हैं!

मैं भगवान का शुक्रगुजार हूं कि मुसलमानों ने और बड़े लोगों ने इस फैसले को स्वीकार किया!

विवाद अब समाप्त हो गया है।

हालांकि फैसले पर रिव्यु पेटिशन उनका (मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड) अधिकार है!

मुझे लगता है कि मामला अब खत्म होना चाहिए।’

 शाही इमाम बुखारी ने कहा, हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्‍मान करते हैं

दिल्‍ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने कहा!

हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्‍मान करते हैं।

मुझे उम्‍मीद है कि देश विकास की ओर गति करेगा।

जहां तक एक समीक्षा याचिका दायर करने का सवाल है तो मैं भी इसके पक्ष में नहीं हूं।

ऐतिहासिक फैसला

ज्ञात हो कि राजनीतिक रूप से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की पीठ ने सर्वसम्मति यानी 5-0 से ऐतिहासिक फैसला सुनाया।

निर्मोही अखाड़े के दावे को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने रामलला विराजमान और सुन्नी वक्फ बोर्ड को ही पक्षकार माना।

टॉप कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा विवादित जमीन को तीन पक्षों में बांटने के फैसले को अतार्किक करार दिया।

आखिर में सुप्रीम कोर्ट ने रामलला विराजमान के पक्ष में फैसला सुनाया।

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