वाह भाई…यहां पुलिस कराती है लोगो को चाय-पानी

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देश में एक राज्य है जहां पुलिस लोगो को चाय पानी पिलाती है। जी हां चौकिये नहीं अभी तक तो आपने सड़को और हाईवे पर पुलिस को चाय पानी के लिये वसूली करते देखा होगा लेकिन बंगाल पुलिस लोगो को चाय पिला रही है। आईये आपको बताते है क्या है पूरा मामला…एक अध्ययन के मुताबिक करीब 50 फीसदी सड़क हादसों और इनमें लगने वाली मस्तिष्क संबंधी चोटों के पीछे एकमात्र कारण पर्याप्त नींद न हो पाना है।

चाय-पानी (जलपान) करने की व्यव्स्था करा रही हैं

यही वजह है सड़क हादसे में सबसे अधिक घटना ड्राइवर के झपकी आने से होती हैं। इसी से निपटने के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस ने एक नायाब तरीका अपनाया है। वह हाईवे पर आने वाले सभी वाहनों को रोक कर उन्हें चाय-पानी (जलपान) की व्यवस्था करा रहे हैं। जब पुलिस लोगों को रोकती है तो लोगों के दिमाग में चालन कटने का डर बना रहता है लेकिन जब पुलिस उन्हें चाय- पानी के बारे में पूछती है तो उनके लिए ये बड़ा अचंभा लगता है। ये पश्चिम बंगाल पुलिस की नई पहल है। इसके तहत आधी रात से लेकर सुबह होने तक जो भी कार, ट्रक हाईवे से होकर गुजरेंगे उन्हें पुलिस चेकिंग पॉइंट पर रोक कर चाय-पानी (जलपान) करने की व्यव्स्था करा रही हैं।

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सभी को पीने के पानी से लेकर चाय पीने तक का सब बंदोबस्त पुलिस ने कर रखी है। ड्राइवर जलपान करने के बाद खुद को तरोताजा महसूस करते है जिससे गाड़ी चलाते समय उन्हें नींद नहीं आती। नेशनन हाईवे -6,34, 35, 116, और 117 पर पुलिस की तरफ से ये पहल जारी रहेगी। इससे सड़क हादसे होने में कमी आएगी। ये पहल सबसे पहले कुछ हाईवे पर 12-13 दिसंबर से शुरू की गई थी। जो अब अधिकतर हाईवे पर लागू किया गया है। पुलिस जलपान के साथ ड्रिंक एंड ड्राइव के मामलों पर भी नजर रखेगी।

पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ाई जा सकती है

सुरक्षित ड्राइविंग को बढ़ावा देने के लिए बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी लगातार प्रचार-प्रसार कर रही हैं। 2016 में प. बंगाल में कुल 13,580 सड़क हादसों में 6,544 लोगों की मौत हुई थी। 2015 में भी 13, 208 सड़क हादसों में 6,234 जान गई थीं। इसको देखते हुए सड़क हादसे रोकने के लिए अलग- अलग तरीके अपनाए जा रहे हैं। चाय-पानी देने की ये पहल भी उसी का हिस्सा है। इस नई पहल में चेकिंग पॉइंट पर जो पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं। वे ही इस योजना को संचालित करेंगे। जरूरत पड़ने पर कुछ पॉइंट पर पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ाई जा सकती है।

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