सिस्टम से हारे पुलवामा शहीद का परिवार, साल भर से नहीं मिली कोई मदद

0

14 फरवरी 2019 को पुलवामा में हुए आतंकी हमले ने देश में कोहराम मचा दिया था। इस हमले के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ एयर स्ट्राइक की तो पूरा देश राष्ट्रवाद के बुखार में जकड गया था।

पुलवामा चुनावी मुद्दा भी बना था और चुनाव पर जबरदस्त असर भी डाला था। हमले में शहीद हुए जवानों को लेकर उस समय बड़ी-बड़ी घोषणाएं की गई थी। तमाम वायदे किए गए ​थे लेकिन जवानों की शहादत के नाम पर वोट लेने के बाद जिम्मेदार लोग इन वायदों को भूल गए।

प्रयागराज के शहीद महेश यादव के परिवार को आज तक न तो पेंशन मिली, न सरकारी नौकरी। शहीद के सम्मान में न तो काई मूर्ति लगी, न सड़क बनी और न ही स्कूल खुला। शहदी के बच्चे अब हजारों रूपये की फीस चुकता कर पढ़ाई करने को मजबूर हैं।

पिता हो चुके मायूस-

बरसी के मौके पर महेश के परिवार वालों को एक तरफ उनके न होने का गम है तो साथ ही सरकारी सिस्टम की वादाखिलाफी और उसकी बेरुखी का जबरदस्त मलाल भी।

महेश की शहादत के बाद उनके पिता परिवार के दूसरे बच्चों को भी देश की सेवा के लिए फौज में भेजने का जो ऐलान कर रहे थे, नेताओं और अफसरों के यहां चक्कर लगाने के बाद मायूस होकर अब वह उससे तौबा कर चुके हैं।

शहीद के परिजन एक महीने बाद लखनऊ में अनशन शुरू करने की बात कह रहे है। पुलवामा हमले की रसी पर शहीदों के प्रति लापरवाह सिस्टम को आइना दिखाने वाली यह खास रिपोर्ट चौंकाने वाली भी है और साथ ही सोचने वाली भी।

यह भी पढ़ें: सराहनीय कदम : शहीद जवानों के बच्चों को मिलेंगी ये सहूलियतें

यह भी पढ़ें: 14 फरवरी : आतंकी हमले से देश का सीना छलनी

 

 

 

 

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More