प्रिंस चार्ल्स और मोदी के बीच सहयोग बढ़ाने पर बातचीत

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ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स दो दिवसीय यात्रा पर बुधवार को नई दिल्ली पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रिंस चार्ल्स और उनकी पत्नी कैमिला पार्कर-बाउल्स का हैदराबाद हाउस में स्वागत किया। इस दौरान मोदी और चार्ल्स के बीच आपसी सहयोग बढ़ाने के कई मुद्दों पर चर्चा हुई। यह ब्रिटिश युवराज का नौवां भारत दौरा है। वे सबसे पहले 1975 में भारत आए थे।
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वंचित तबके के बच्चों तक शिक्षा पहुंचाना है
इस बीच प्रिंस चार्ल्स ने उस नए बांड का समर्थन किया है, जिसका उद्देश्य भारत में वंचित तबके के बच्चों तक शिक्षा पहुंचाना है। एक करोड़ डॉलर (लगभग 65 करोड़ रुपये) के ‘एजुकेशन डेवलपमेंट इम्पैक्ट बांड’ (डीआइबी) की स्थापना ब्रिटिश एशियन ट्रस्ट ने की है। इस ट्रस्ट की स्थापना प्रिंस ऑफ वेल्स ने दक्षिण एशिया में गरीबी से निपटने के लिए की थी।
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भारत के बच्चों के जीवन को प्रभावित कर सकेंगे
डीआइबी का उद्देश्य भारत में वंचित तबके के हजारों बच्चों के लिए पढ़ाई-लिखाई को बेहतर बनाना है। यह बांड नवोन्मेष तथा सतत सामाजिक प्रभाव में निवेश का जरिया है, जिसे शिक्षा की मुहिम में प्रदर्शन तथा परिणामों से जोड़ा जाएगा। इसकी शुरुआत भारत से होगी और बाद में ट्रस्ट के अभियान के दायरे में आने वाले अन्य क्षेत्रों में भी इसे आजमाया जाएगा। प्रिंस चार्ल्स ने इस सिलसिले में कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि ट्रस्ट के जरिये हम भारत के बच्चों के जीवन को प्रभावित कर सकेंगे।
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साथ ही दुनियाभर में परमार्थ कार्य में लगे लोगों की मानसिकता को भी बदल सकेंगे।’ ट्रस्ट और यूबीएस ऑप्टिमस फाउंडेशन ने मिलकर एजुकेशन डेवलपमेंट इम्पेक्ट बांड बनाया है। इसका उद्देश्य भारत में शिक्षा के भविष्य में बदलाव लाना है। इस पहल के तहत डीआइबी देश में चार स्थानीय गैर लाभकारी साझेदारों को चार वर्षो तक धन उपलब्ध करवाएगा। इसका लक्ष्य दिल्ली, गुजरात और राजस्थान में वंचित तबकों के प्राथमिक स्कूलों के करीब 2,00,000 छात्रों का शैक्षणिक स्तर बेहतर बनाना है।
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