Ranjan Gogoi-Modi, लेन देन का पूरा खुलासा: प्रशांत भूषण

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पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोईRanjan Gogoi का राज्य सभा का सदस्य बनना न्यायपालिका की स्वतंत्रता के खिलाफ है। रंजन गोगोईRanjan Gogoi ने रिटायरमेंट से पहले सरकार के पक्ष में कुछ अहम फैसले दिए जिसमे अहम है राफेल सौदा और अब सरकार ने शायद इसी का तोहफ़ा दिया है रंजन गोगोईRanjan Gogoi को। देश के जाने माने वकील प्रशांत भूषण ने एक वीडियो जारी किया है। जिसमें प्रशांत में गोगोई-मोदी के लेन देन का खुलासा करने का दावा किया है। 

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सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोईRanjan Gogoi  17 नवंबर 2019 को सेवानिवृत्त हो गए। 15 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में उनके कार्य का आखिरी दिन था। सीजेआई गोगोई ने 3 अक्तूबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का पद ग्रहण किया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में 23 अप्रैल 2012 को नियुक्त हुए थे। तब से अब तक जस्टिस रंजन गोगोई ने अयोध्या मामले समेत कई ऐसे ऐतिहासिक फैसले दिए हैं, जिसके लिए देश उन्हें हमेशा याद करेगा। वे कड़े और कई बार आश्चर्यचकित कर देने वाले फैसले लेने के लिए भी जाने जाते हैं।

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  • जस्टिस रंजन गोगोई का जन्म 18 नवंबर 1954 को हुआ था।
  • वह देश के 46वें सीजेआई बने। उन्होंने 1978 में बार काउंसिल ज्वाइन की थी।
  • जस्टिस गोगोई ने अपने करियर की शुरुआत गुवाहाटी हाईकोर्ट से की। 2001 में वहां जज बने थे।
  • 2010 में पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में जज बने। फिर 23 अप्रैल 2012 को सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त हुए।
  • वह 3 अक्तूबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने थे। 17 नवंबर 2019 को इस पद से सेवानिवृत्त होंगे।
  • अयोध्या ममाले के अलावा, एनआरसी व जम्मू-कश्मीर मामले जैसे कई ऐतिहासिक मामलों की सुनवाई की है।

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गोगोई के ऐतिहासिक फैसले

अयोध्या मामला : सीजेआई रंजन गोगोई के करियर का सबसे बड़ा और ऐतिहासिक फैसला अयोध्या मामले में रहा। उनकी अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की पीठ ने राम मंदिर और बाबरी मस्जिद की विवादित जमीन के उस मामले पर अंतिम फैसला सुनाया जो सैकड़ों सालों से चला आ रहा था। यह फैसला 9 नवंबर 2019 को आया।

आरटीआई दायरे में सीजेआई कार्यालय: भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का कार्यालय अब सूचना का अधिकार कानून (RTI Act) के दायरे में आएगा। सुप्रीम कोर्ट द्वारा बुधवार, 13 नवंबर 2019 को ये फैसला सुनाया गया। कोर्ट ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश का दफ्तर सार्वजनिक कार्यालय है, इसलिए यह आरटीआई कानून के दायरे में आएगा। यह बड़ा फैसला भी सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की पीठ ने सुनाया। यह मामला भी करीब नौ साल तक चला।

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राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC): असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) लागू करने के मामले में भी पूरे देश में कई विवाद हुए। लेकिन सीजेआई गोगोई का फैसला अडिग रहा। उन्होंने निश्चित किया कि तय समयसीमा में एनआरसी को लागू किया जा सके, ताकि गैरकानूनी तरीके से असम में रह रहे लोगों की पहचान की जा सके। गोगोई का जन्म असम के डिब्रूगढ़ में ही हुआ है।

अमिताभ बच्चन की आय का मामला: सुप्रीम कोर्ट के जज रहते हुए जस्टिस रंजन गोगोई ने साल 2016 में अमिताभ बच्चन की आय, टैक्स रिटर्न मामले में फैसला दिया था। जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस पीसी पंत की पीठ ने आयकर विभाग के पक्ष में फैसला सुनाते हुए बॉलीवुड स्टार अमिताभ बच्चन की आय व टैक्स रिटर्न की दोबारा जांच किए जाने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा 2012 में इस मामले में दिए गए फैसले को खारिज किया था जिसमें अमिताभ बच्चन को उनकी आय व आयकर रिटर्न की दोबारा जांच से राहत दी गई थी।

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राफेल मामला: 14 नवंबर 2019… जब सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट ती तीन जजों की पीठ ने भारतीय वायुसेना के लिए भारत और फ्रांस के बीच हुए लड़ाकू विमान राफेल के सौदे पर फैसला सुनाया। कुछ मंत्रियों, सांसदों व वरिष्ठ वकीलों ने इस सौदे को चुनौती देते हुए पुनर्विचार के लिए याचिका दायर की थी। लेकिन कोर्ट ने याचिकाएं खारिज करते हुए साफ कहा कि इस मामले में अलग से जांच की कोई जरूरत नहीं है।

 

[bs-quote quote=”यह लेखक के अपने विचार हैं, यह लेख स्वराज इंडिया के यूट्यूब चैनल पर प्रकाशित है” style=”style-13″ align=”left” author_name=”प्रशांत भूषण” author_job=”वरिष्ठ अधिवक्ता, सुप्रीम कोर्ट” author_avatar=”https://journalistcafe.com/wp-content/uploads/2020/03/prashant-bhusan-2.jpg”][/bs-quote]

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने देश के सर्वोच्च न्यायालय की गरिमा बनाए रखने के लिए भी आवाज उठाई। जनवरी 2018 में तत्कालीन चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के कार्य प्रणाली से नाराज गोगोई ने सुप्रीम कोर्ट के तीन अन्य जजों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था जब सुप्रीम कोर्ट के जज एकसाथ न्यायालय के आंतरिक मामलों को लेकर मीडिया के सामने सार्वजनिक रूप से आए थे।

 

 

 

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