अयोध्या विवाद: केंद्र की अर्जी के खिलाफ नई याचिका दाखिल

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अयोध्या विवाद में पीछे सप्ताह केंद्र सरकार द्वारा गैर विवादित जमीन वापस लौटने की अर्जी के बाद केंद्र की अर्जी के खिलाफ आज एक नई अर्जी दाखिल हुई है, जिसमे याचिकाकर्ता ने लैंड ऐक्विजिशन ऐक्ट की वैधता पर सवाल उठाते हुए केंद्र सरकार के कदम को भी चुनौती दी है। 

अयोध्या में भूमि अधिग्रहित के खिलाफ अर्जी:

सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते याचिकाकर्ता ने कहा कि राज्य सूची के विषयों की आड़ में केंद्र सरकार राज्य की भूमि अधिग्रहित नहीं कर सकती। पिछले सप्ताह ही केंद्र सरकार ने 67 एकड़ गैर-विवादित जमीन मूल मालिकों को लौटाने के लिए अर्जी दी थी। सरकार के इस कदम का जहां राम जन्मभूमि न्यास ने स्वागत किया था, वहीं कुछ अन्य संगठनों ने इसका विरोध किया।

शाह ने सभी दलों से मांगा सहयोग:

बता दें कि इस मामले पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को ही एक कार्यक्रम में सभी दलों से इस पर सहयोग की मांग की थी। केंद्र ने कोर्ट में गैर-विवादित जमीन लौटाने की अर्जी में कहा कि वह गैर-विवादित 67 एकड़ जमीन इसके मालिक राम जन्मभूमि न्यास को लौटाना चाहती है।

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गौरतलब है कि प्रयागराज कुंभ में विश्व हिंदू परिषद की धर्म संसद में नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले पर मुहर लग गई। धर्म संसद में सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या में गैर विवादित भूमि की मांग को लेकर केंद्र सरकार की याचिका का स्वागत किया गया। इसके साथ ही तय किया गया कि अयोध्या में राम मंदिर को लेकर नये चरण से आंदोलन नहीं होगा।

केंद्र सरकार के गैर विवादित जमीन को वापस लेने की याचिका:

इसके साथ ही इसमें केंद्र सरकार के गैर विवादित जमीन को वापस लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने के फैसले का स्वागत किया गया। इसके साथ ही साथ विहिप ने प्रस्ताव पास किया कि राम मंदिर के लिए आंदोलन के नये चरण की शुरुआत नहीं होगी। विहिप ने कहा कि हमें मोदी सरकार में पूरी आस्था है।

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