Nirbhaya Case : दोषियों को फांसी की सजा से राहत नहीं, 2 क्यूरेटिव पिटीशन खारिज
2012 के निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में फांसी की सज़ा पाए चार में से दो दोषियों की क्यूरेटिव पिटिशन पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। शीर्ष अदालत ने दोनों दोषियों को बड़ा झटका देते हुए उनकी क्यूरेटिव याचिका को खारिज कर दिया।
न्यायमूर्ति एनवी रमना, न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरीमन, न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की 5 न्यायाधीशों वाली संवैधानिक पीठ ने विनय शर्मा और मुकेश कुमार द्वारा दायर की गई याचिकाओं को खारिज किया। इस तरह अब इस केस के दोषियों को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी दिया जाना तय हो गया।
डेथ वारंट जारी होने के बाद सजायाफ्ता के लिए यह अंतिम कानूनी विकल्प होता है। क्यूरेटिव पिटीशन में दोषी विनय शर्मा ने कहा है कि आपराधिक कार्यवाही के कारण उसके पूरे परिवार को सामाजिक प्रताड़ना और अपमान झेलना पड़ा है।
इससे पहले पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप केस के चारों दोषियों का डेथ वारंट जारी किया था। कोर्ट ने इस मामले में चार दोषियों को 22 जनवरी की सुबह सात बजे फांसी देने का समय तय किया है।
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