जीएसटी के स्लैब में कमी कर सकती है मोदी सरकार !

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जीएसटी का एक साल पूरा होने के मौके पर केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इससे देश में अप्रत्यक्ष करों की जटिलता खत्म हुई है। किडनी ट्रांसप्लांट के बाद पहली बार किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में बोलते हुए जेटली ने कहा कि जीएसटी के चलते टैक्स कलेक्शन में तो इजाफा हुआ ही है, इसके अलावा जरूरी चीजों पर कम टैक्स से जनता को भी राहत मिली है। उन्होंने कहा कि टैक्स कलेक्शन में इजाफा होने के चलते अब सरकार स्लैब में और कमी करके जनता को राहत दे सकती है।

जेटली ने कहा कि अडवांस टैक्स पेमेंट के चलते ग्रॉस इनकम में इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि जीएसटी की वजह से भारत संगठित बाजार बना है और यह मोदी सरकार के बड़े फैसलों में से एक है। जेटली ने कहा, ‘पिछले साल जुलाई में हमने देश के सबसे टैक्स जटिल सिस्टम को खत्म कर दिया था। तब 13 मल्टिपल टैक्स और 5 मल्टिपल रिटर्न की व्यवस्था थी। टैक्स पर टैक्स लगता था। हर राज्य के अपने अलग रेट थे और उसके अनुसार रिटर्न फाइल करना होता था। देश के संघीय ढांचे को ध्यान में रखते हुए यह टैक्स तैयार किया गया।’

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‘सारे चेकपोस्ट हुए खत्म, लाइनें गायब’

उन्होंने कहा कि जीएसटी को लाने से पहले हमने हर राज्य से मशविरा किया। जीएसटी काउंसिल का गठन भी इस तरह से किया गया है कि देश के सभी राज्यों का प्रतिनिधित्व उसमें हो। उन्होंने कहा कि यह काफी आसान है। इसके तहत आप सिर्फ एक ही बार टैक्स भरते हैं। एक ही रिटर्न फाइल करते हैं। देशभर में तमाम चेक पोस्ट्स खत्म हो गए हैं और जटिलता खत्म हुई है। हम बिना रेट को बढ़ाए और यहां तक कि घटाने के बाद भी रेवेन्यू में इजाफा करने में सक्षम हुए हैं।

‘टैक्स बढ़ा, अब रेट घटाने की क्षमता बढ़ी’

अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटी आने के चलते पिछली अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था की तुलना में 21 फीसदी का इजाफा हुआ है। टैक्स का कलेक्शन बढ़ा है, इसलिए रेट्स में कमी करने और उनके रैशनलाइज करने की क्षमता में इजाफा हुआ है।

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