मोबाइल लेकर सोने से कैंसर, नपुंसकता जैसी कई बड़ी बीमारियां, पढ़िए खबर  

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आज लोगों के जीवन की कल्पना बिना मोबाइल फोन के नहीं की जा सकती हैं क्योंकि ये उनकी जिंदगी का अब सबसे अहम हिस्सा बन चुका है। लेकिन, जहां एक तरफ ये हमारी सबसे जरुरत बन चुका है तो वहीं स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो इसके ठीक से इस्तेमाल ना करने पर आप इससे निकलनेवाले रेडिएशन का शिकार भी हो सकते हैं। इसके घातक परिणाम सामने आए हैं और वो परिणाम है कैंसर और नपुंसकता का।

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रेडिएशन से बचने के लिए कई फीट दूर रखें मोबाइल

कैलिफोर्निया के स्वास्थ्य विभाग ने यह चेताया है कि रेडिएशन के खतरे से बचने के लिए लोग से कई फीट दूर मोबाइल फोन को रखे। मोबाइल से कैंसर, मानसिक स्वास्थ्य और लोगों की प्रजन्न शक्ति पर बुरे पड़ते असर के होते मजबूत होते दावों और साक्ष्यों के बीच कैलिफोर्निया ने रेडिएशन को कम करने के लिए गुरुवार को एक गाइडेंस जारी की है। लो फ्रीक्वेन्सी रेडियो सिग्नल का इस्तेमाल कर मोबाइल फोन सूचनाएं पहुंचाता है और ये रेडिएशन हमारे स्वास्थ्य के ऊपर घातक असर डालता है, खासकर उस वक्त जब कोई बड़ी फाइल डाउनलोड कर रहा होता है।

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मोबाइल फोन का रेडिएशन बच्चों के लिए घातक

स्वास्थ्य विभाग की ओर जारी रिलीज में कहा गया है कि शोध में अभी तक इस बात को साबित नहीं कर पाया है कि मोबाइल फोन का रेडिएशन खतरनाक है। लेकिन, इस बात के पर्याप्त अध्ययन है, खासकर बच्चों पर घातक असर के बारे में बताया गया है। पूरे राज्यभर में यह नोटिस उस वक्त दिया गया है जब कई शहर जैसे बर्कले और सेनफ्रेंसिस्को ने स्थानीय स्तर पर चेतावनी जारी कर अपने लोगों को फोन से दूर रहने की हिदायत दी थी।

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मोबाइल रेडिएशन दिमाग और कान में ट्यूमर बनने का जरिया

एन्वायरमेंटर हेल्थ ट्रस्ट के डॉक्टर डेवरा डेविस का कहना,” शरीर के ऊपर सीधे फोन रखना कभी भी एक अच्छा आइडिया नहीं है। हालांकि, सेलफोन बनानेवाले भी इस बात से पूरी तरह सहमत है। उदाहरण के लिए आईफोन ने अपनी सेटिंग्स में आरएफ एक्सपोजर नोटिस दिया हुआ है। इस नोटिस में यह बताया गया है कि आईफोन का आरएफ (रेडियो फ्रीक्वेंसी) की जांच की गई है और यह अमेरिकी सेफ्टी स्टैंडर्ड पर बिल्कुल सही खड़ा उतरता है। कैलिफोर्निया की तरफ से जारी गाइडेंस में कहा गया है कि रेडियो फ्रीक्वेन्सी वयस्कों के मुकाबले आसानी से बच्चों के दिमाग पर अपना असर डालता है। विकासशील मस्तिष्क पर इसका सबसे घातक असर हो सकता है। अध्ययन में इस बात के भी साक्ष्य दिए गए हैं कि सेलफोन रेडिएशन दिमाग या कान में ट्यूमर की वजह बन सकता है क्योंकि वे जगह लगातार डिवाइस से संपर्क में रहता है।

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रेडियो फ्रीक्वेन्सी से पुरुषों की प्रजन्न क्षमता पर असर

वैसे एक तरफ जहां रेडियो फ्रीक्वेन्सी का सीधा असर खासकर बच्चों पर पड़ रहा है तो वहीं मनोवैज्ञानिक इस बात को लेकर पहले ही आगाह कर चुके है कि सेलफोन के इस्तेमाल से लोगों का ध्यान भंग होना, मानसिक स्वास्थ्य और किशोरावस्था में उसकी की नींद पर दुष्प्रभाव पड़ता है। एक हफ्ते पहले ही फ्रांस ने अपने यहां के प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में मोबाइल फोन को बैन कर दिया था। हालांकि, इस बैन का लक्ष्य शुरुआती तौर पर मानसिक स्वास्थ्य को लेकर था। फ्रांस के इस बैन के बाद रेडिएशन एक्सपोजर से चिंतित विशेषज्ञों ने खुशी जताई। मोबाइल फोन का स्वास्थ्य पर पड़नेवाले असर के शोध के बारे में भी यह देश सबसे आगे रहा है। अन्य शोध से यह साबित हुआ है कि रेडियो फ्रीक्वेन्सी पुरुषों की प्रजन्न क्षमता पर असर डालता है। डॉक्टर डेविस ने बताया कि कई देशों में यह देखा गया है कि जो लोग लंबे समय तक अपने पेंट की पॉकेट में मोबाइल फोन रखते हैं उसके स्पर्म पर सबसे ज्यादा असर हुआ है।

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कैलिफोर्निया की गाइलाइंस यह बताया गया है कि उस वक्त खतरनाक रेडिएशन निकलता है जब हम किसी टेक्नॉलोजी को इन्फॉर्मेशन के लिए ज्यादा वर्क करना पड़ता है। और ये उस वक्त होता  है जबतक कोई बड़ी फाइल डाउनलोड होती है। उस वक्त रेडियो फ्रीक्वेन्सी ज्यादा रिलीज होती है। ऐसे में यह चेतावनी दी गई है कि जब चलती गाड़ी में बैठे हों या फिर बड़ी तादाद में डेटा भेजने की कोशिश की जा रही हो उस वक्त फोन के नजदीकी संपर्क में नहीं आना चाहिए।

साभार: ( हिन्दुस्तान LIVE )

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