बड़ी खबर: अधिकारियों के रडार पर कई थानेदार, चंद सालों की नौकरी में बने करोड़पति

0

उत्तर प्रदेश पुलिस के कई थानेदार अधिकारियों के रडार पर हैं। मेरठ जिले के ऐसे छह दरोगा और इंस्पेक्टरों की संपत्ति जांच के घेरे में है, जो चार-पांच साल की थानेदारी में कई पेट्रोल-पंप और आलीशान कोठियों के मालिक बन गए। जिन्होंने पत्नी के अलावा अपने रिश्तेदारों के नाम पर भी कीमती जमीन खरीद लीं।

थाना प्रभारी बनने के बाद कमाया बेशुमार पैसा

‘अमर उजाला’ में प्रकाशित खबर के मुताबिक, हस्तिनापुर के निलंबित थानाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह का आलीशान फार्म हाउस और पॉश शास्त्रीनगर इलाके में फ्लैट है। इसका खुलासा होने के बाद जनपद के ऐसे थानेदारों की भी तलाश शुरू हो गई है, जिन्होंने आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है।

बताया जा रहा है कि थानेदार बनने से पहले दरोगा और इंस्पेक्टर की हालत सामान्य थी, लेकिन थाना प्रभारी बनने के बाद उन्होंने बेशुमार पैसा कमाया। अब इन सब की संपत्ति का ब्यौरा खंगालना शुरू कर दिया गया है।

इंस्पेक्टर के चल रहे हैं दो पेट्रोल पंप!

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, एक इंस्पेक्टर के दो पेट्रोल पंप भी चल रहे हैं, जबकि एक थाना प्रभारी की एनएच-58 पर पॉश कॉलोनी में आलीशान कोठी है और उसने हाल ही में दो प्लॉट भी खरीदे हैं, जिनकी कीमत करोड़ों रुपये बताई जा रही है।

उक्त दरोगा थाना प्रभारी बनने से पहले बाइक से चलता था और आज उसके पास लग्जरी गाड़ियां हैं। इसके अलावा एक थाना प्रभारी ने हाल ही में उत्तराखंड में काफी महंगी जमीन खरीदी है। थाना प्रभारियों ने अधिकांश वहां पर जमीन खरीदी हैं, जहां आने वाले दिनों में जमीन की कीमत चार-पांच गुना हो सकती है।

पद से हटते ही आका के संरक्षण में दरोगा

सवाल तो पूरे पुलिस महकमे पर उठ रहा है, लेकिन सबूतों को खोजा रहा है। कुछ थानाध्यक्ष का रिकॉर्ड तो है। थाना प्रभारी बनने के कुछ दिनों बाद दरोगा हो या फिर इंस्पेक्टर, इनकी लाइफ स्टाइल ही बदल जाती है। बाइक या फिर सामान्य गाड़ी में चलने वाले दरोगा और इंस्पेक्टर लग्जरी गाड़ी से नीचे नहीं चलते हैं। थाना प्रभारी दरोगा हो या इंस्पेक्टर पुलिसिंग से ज्यादा करोड़पति बनने के सपने संजोने लगता है। शायद यही वजह है कि जो दरोगा थाना प्रभारी पद से हटाया जाता है, वह फिर किसी भी थाना प्रभारी के नीचे काम नहीं करता। फिर किसी सत्ताधारी नेता या अपने आका के संरक्षण में रहता है। वह थाना प्रभारी बनने के लिए हर जोड़तोड़ करता रहता है।

चार्ज लेने को लेकर मारामारी

दरोगा हो या इंस्पेक्टर, थाना प्रभारी का चार्ज लेने को लेकर मेरठ समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों में बहुत मारामारी है, जिसके चलते कई बार दरोगा बाजी मार जाते हैं और इंस्पेक्टर पीछे रह जाते हैं। शायद यही वजह है कि मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, शामली, बागपत समेत कई जनपदों में इंस्पेक्टर से ज्यादा दरोगाओं के पास थाने का चार्ज है। जिन इंस्पेक्टरों को थाने का चार्ज मिलना चाहिए, उन थानों को दरोगा चला रहे हैं, लेकिन कोई अधिकारी इस परंपरा को तोड़ने को तैयार नहीं है।

वहीं इस मामले में एडीजी मेरठ जोन

राजीव सभरवाल का कहना है कि मामला गंभीर है। करेक्टर रोल में दरोगा और इंस्पेक्टर की संपत्ति दर्ज होती है। थाना प्रभारी की कोई शिकायत आएगी तो सख्त कार्रवाई होगी। संपत्ति की जांच करने के लिए एंटी करप्शन विभाग भी सक्रिय रहता है। लंबे समय से जमे थानेदारों की जांच निश्चित तौर पर होगी।

यह भी पढ़ें: UP: झांसा देकर सिपाही ने युवती का किया दुष्कर्म, अश्लील वीडियो बनाकर दी वायरल करने की धमकी

यह भी पढ़ें: थाने में ही सुरक्षित नहीं महिला सिपाही! SHO पर छेड़छाड़ का आरोप, बोली-कभी छूते हैं गाल तो कभी…

यह भी पढ़ें: यूपी: मानसिक तनाव में था सिपाही, बैरक की सीढ़ियों पर मिला खून से लथपथ शव

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं। अगर आप डेलीहंट या शेयरचैट इस्तेमाल करते हैं तो हमसे जुड़ें।)
Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More