नवंबर से नहीं छपे 500 के नोट, अब 3 शिफ्ट में छपाई

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देश के कई राज्य कैश संकट से जूझ रहे हैं। इसके पीछे भले ही कई कारण बताए जा रहे हों, लेकिन देश की नोट प्रेस की इसे लेकर कुछ और ही कहानी है। सूत्रों के मुताबिक, नासिक की नोट प्रेस में पिछले नवंबर से 500 रुपये का नोट नहीं छपा। जबकि प्रेस में अप्रैल से 200, 100 और 50 रुपये के नोटों की प्रिंटिंग में 44 प्रतिशत की कमी हुई है।

आरबीआई ने 18 मिलियन नोट छापने का टारगेट दिया था

मीडिया रिपोर्ट्स की के अनुसार, प्रेस ने नोटों की छपाई 2017-18 का टारगेट पूरा होने के कारण रोक दी थी। नासिक प्रिंटिंग प्रेस को आरबीआई ने 18 मिलियन नोट छापने का टारगेट दिया था। इसी तरह 20 और 100 रुपये के नोटों की भी छपाई 1 अप्रैल को रोक दी गई थी। इसके पीछे कारण नए नोटों की डिज़ाइन का बताया जा रहा है।

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जहां तक 200 रुपये के नोट की बात है तो आरबीआई ने मध्य प्रदेश स्थित नोट प्रेस देवास को इसकी प्रिंटिंग का आदेश दिया, जिसके बाद नासिक में 200 के नोट की प्रिंटिंग रोक दी गई। फिलहाल नासिक नोट प्रेस केवल 10 और 50 रुपये के नोटों की छपाई कर रहा है। सूत्रों का कहना है कि नोटों की छपाई 18 मिलियन से गिरकर 10 मिलियन पीस हो गई है।

तीन महीने से नकदी की मांग दोगुनी रही है

जिसके बाद अप्रैल 16 से नासिक नोट प्रेस ने दोबारा 500 नोटों की प्रिंटिंग शुरु की है। बता दें कि देश के 10 राज्यों में एटीएम से नकदी नहीं मिल रही। इनमें मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, दिल्ली, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, गुजरात और महाराष्ट्र राज्य शामिल हैं। वित्त मंत्रालय का कहना है कि तीन महीने से नकदी की मांग दोगुनी रही है। जबकि अप्रैल के शुरुआती 13 दिनों में तो सामान्य से पांच गुना ज्यादा करेंसी निकाली गई। सरकार 500 रु. के नोटों की छपाई पांच गुना बढ़ाने जा रही है। कहा जा रहा है कि दो से तीन दिन में हालात सुधरेंगे।

3 शिफ्ट में 24 घंटे मशीनें चलेंगी..

कैश संकट से निकलने के लिए 18 अप्रैल से देवास बैंक नोट प्रेस 24 घंटे मशीनें चलाएगा। इसके लिए 9 घंटे की तीसरी शिफ्ट शुरू कर दी गई है। नोटबंदी के बाद दूसरा मौका है जब 24 घंटे मशीनें चलेंगी।

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