नियुक्ति में फर्जीवाड़ा: लविवि के पूर्व कुलपतियों सहित 5 पर FIR

इन सभी पर फर्जीवाड़ा, जालसाजी, कूटरचित दस्तावेज तैयार कर मनमाने तरीके से लेक्चरर की तैनाती करने का आरोप है

0

लखनऊ विश्वविद्यालय में प्रवक्ता (लेक्चरर) पद पर फर्जीवाड़े से नियुक्ति का आरोप सामने आया है। इंदिरा नगर सेक्टर नौ निवासी प्रशांत पांडेय की तहरीर पर दो पूर्व कुलपतियों के साथ पांच के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

LU Fake Appointment: इन सभी पर फर्जीवाड़ा, जालसाजी, कूटरचित दस्तावेज तैयार कर मनमाने तरीके से लेक्चरर की तैनाती करने का आरोप है।

लविवि के तत्कालीन कुलपति प्रोफेसर आरपी सिंह, पूर्व कुलपति एसपी सिंह, एसके शुक्ला, पूर्व कुलसचिव अनिल कुमार देमले और प्रवक्ता पद पर आवेदन करने वाली कविता चतुर्वेदी के खिलाफ जालसाजी समेत अन्य धाराओं में हसनगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज की गई है।

दस्तावेजों में हेरफेर करने का आरोप-

शिकायतकर्ता डाक्टर प्रशांत पांडे ने उन पर व्यावहारिक अर्थशास्त्र विभाग में नियम विरुद्ध नियुक्ति करने व दस्तावेजों में हेरफेर करने का आरोप लगाया है। प्रशांत की ओर से 30 अक्टूबर 2019 को हसनगंज कोतवाली में यह तहरीर दी गई थी। इस पर पुलिस की ओर से आठ मार्च को एफआईआर दर्ज की गई है।

इस तरह आवेदन किया निरस्त-

प्रशांत के अनुसार लविवि में 28 मार्च 2006 को प्रवक्ता पद पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी हुआ था। इसमें उन्होंने भी आवेदन किया था।

उनका आरोप है, ‘विवि के तत्कालीन कुलपति, कुलसचिव व अन्य अधिकारियों ने योग्यता न होने के बावजूद विपुल खंड गोमती नगर निवासी कविता चतुर्वेदी को नियुक्ति प्रदान कर दी। अन्य अभ्यर्थियों के आवेदन पूर्ण नहीं होने की बात कहकर निरस्त कर दिया गया।’

प्रशांत का कहना है कि ‘फर्जीवाड़े की जानकारी होने पर सूचना के अधिकार के तहत उन्होंने जानकारी मांगी तो कई षड्यंत्र उजागर हुए।’

यह भी पढ़ें: आजम के ‘बाप की बपौती’ नहीं है जौहर यूनिवर्सिटी और अखिलेश तुम…

यह भी पढ़ें: यूपी : 2016 के बाद एक बार फिर मिड-डे मील योजना का होगा ऑडिट

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More