जानिए, कौन था डॉन अबू सलेम ? किस अभिनेत्री से हो गया था प्यार…

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कौन था डॉन अबू सलेम ? कैसे उसने जुर्म की दुनिया में कदम रखा ? ये सवाल आपके मन में भी उठते होंगे। आइये आपको बताते है डॉन से जुड़ी दिलचस्प बातें। अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम का, जिसके नाम से आज भी बॉलीवुड कांप जाता है। डॉन अबू सलेम का जन्म 1960 के दशक में उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में सराय मीर नामक गांव में हुआ था। अबू सलेम का पूरा नाम अबू सलेम अब्दुल कय्यूम अंसारी है। वैसे कई जगहों पर उसे अकील अहमद आजमी, कैप्टन और अबू समान के नाम से भी जाना जाता है। अबू के पिता एक जाने माने वकील थे।

मैकेनिक का काम करने के बाद टैक्सी चलाना शुरू किया

पिता की मौत के बाद टुटते परिवार को संभालने के लिए आगे बढा। घर की खराब स्थिती डॉन को तोड़ने लगी थी। पिता की मौत के बाद अबू का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर हो गया। जिसके चलते अबू सलेम ने पढ़ाई छोड़कर काम करना शुरू कर दिया। उसने आजमगढ़ में ही एक मैकेनिक के यहां काम करना शुरू कर दिया। लेकिन जल्द वह काम के लिए दिल्ली आ गया। यहां उसने मैकेनिक का काम करने के बाद टैक्सी चलाना शुरू किया। लेकिन वह अपना और परिवार का गुजारा नहीं कर पा रहा था।  मुंबई आकर वो टैक्सी चलाने लगा।

जल्द ही वह गैंग में आगे बढ़ गया था

मुंबई में कुछ माह बाद ही अबू की मुलाकात अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के लोगों से हुई। पहले मामला दुआ सलाम तक रहा लेकिन जल्द ही उसने डी कंपनी में काम करना शुरू कर दिया। उसके साथ उसका चचेरा भाई अख्तर भी शामिल था। यह जुर्म की दुनिया में उसका पहला कदम था। पहले वह आम कारिंदे की तरह काम करता रहा लेकिन अपने हुनर और तेज़ दिमाग की वजह से जल्द ही वह गैंग में आगे बढ़ गया था। उसने गैंग में रहकर अपनी अलग पहचान बनाना शुरू कर दिया था। मुंबई के लोग भी धीरे धीरे उसे जानने लगे थे। अबू सलेम अब पूरी तरह से जुर्म के रंग में रंग गया था।

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 मुंबई में सीरियल ब्लास्ट इल्जाम दाऊद गैंग के सिर पर

अबू सलेम के खिलाफ पहला मामला 1988 में मुंबई के अंधेरी पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था। लेकिन 1991 में उत्तर पश्चिम मुंबई के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त आफताब अहमद खान ने अबू सलेम को पहली बार गिरफ्तार किया था। यह उसकी पहली गिरफ्तारी थी। अबू पर आरोप था कि उसने लोखंडवाला कॉम्प्लेक्स में व्यापारियों से अवैध उगाही की कोशिश के चलते गोलीबारी की थी। उसके खिलाफ इस संबंध में मामला भी दर्ज था। यह पहला मौका था जब पुलिस को अबू सलेम की तस्वीरें और फिंगर प्रिंट हासिल हुए थे। अबू सलेम, दाऊद के गैंग में अपनी खास जगह बना चुका था। इसी दौरान मुंबई में सीरियल ब्लास्ट हुए।  जिसका इल्जाम दाऊद गैंग के सिर पर था।

गैंग में उसकी तूती बोलने लगी

इसलिए दाऊद इब्राहिम और उसके गैंग ने दुबई में पनाह ली। अबू सलेम भी वहां पहुंच गया। फिर उसने दाऊद के भाई अनीस इब्राहिम के लिए काम करना शुरू कर दिया। वह दुबई में रहकर तस्करी और वसूली जैसे कामों को अंजाम देने लगा था। साथ ही वो कार ट्रेडर भी बन गया था। अनीस और दाऊद उसके काम से खुश थे। गैंग में उसकी तूती बोलने लगी थी।

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फिल्म निर्माता भी थर थर कापंते थे…

अबू सलेम के काम से खुश होकर डी कंपनी ने जल्द ही उसे अहम काम सौंप दिया। वो काम था बॉलीवुड और बिल्डरों से वसूली करने का। सलेम ने इस काम को बाखूबी अंजाम दिया। उसने बॉलीवुड सितारों, निर्माताओं के साथ-साथ बिल्डरों से जमकर वसूली करना शुरू कर दिया। पैसा वसूल करने के लिए उसने हर तरकीब अपनाई। धमकी देना, गोलीबारी करना और यहां तक कि किसी की जान लेना उसके लिए खेल बन गया। उसका आतंक मायानगरी में इस कदर बढ़ गया कि बॉलीवुड का हर छोटा बड़ा आर्टिस्ट और फिल्म निर्माता अबू सलेम उर्फ कैप्टन के नाम से ही कांपने लगा था।

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मोस्ट वांटेड बनने के बाद छोड़ा देश

गैंगस्टर अबू सलेम ने 1991 में मुंबई के जोगेश्वरी इलाके में रहने वाली 17 वर्षीय समीरा जुमानी से शादी की थी। बताया जाता है कि समीरा ने दो बच्चों को जन्म दिया था। इस वक्त समीरा जॉर्जिया, अमेरिका में रहती है। उसने वहां जाने के लिए सबीना आजमी नाम से एक फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल किया था। अब वह इसी नाम से वहां रहती है। उसका नाम नेहा उर्फ आसिफ जाफरी भी है। बताया जाता है कि इसके बाद अबू सलेम समीरा से अलग हो गया था। और उसने बॉलीवुड अभिनेत्री मोनिका बेदी से दूसरी शादी कर ली थी। हालांकि समीरा से उसके तलाक की बात अभी तक सामने नहीं आई है। भारत में मोस्ट वांटेड बन जाने के बाद सलेम देश छोड़कर भाग गया था।

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भारत में प्रत्यर्पण किए जाने को मंजूरी दे दी थी

उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया जा चुका था। इंटरपोल लगातार उसकी तलाश कर रही थी। और आखिरकार 20 सितंबर 2002 को अबू सलेम को उसकी प्रेमिका मोनिका बेदी के साथ इंटरपोल ने लिस्बन, पुर्तगाल में गिरफ्तार कर लिया था। उसकी गिरफ्तारी सैटेलाइट फोन से मिली लोकेशन के जरिए संभव हो पाई थी। फरवरी 2004 में पुर्तगाल की एक अदालत ने उसका भारत में प्रत्यर्पण किए जाने को मंजूरी दे दी थी। उस पर भारत में मुंबई बम धमाकों का मामला चलाया जाना था। बताया जाता है कि डी कंपनी के छोटा शकील ने पुर्तगाल में उसके होने की ख़बर पुलिस को दी थी।

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