मिंटो ब्रिज पर फंसे कुंदन के आखिरी पलों का वीडियो, जलभराव में डूबने से हुई मौत

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दिल्ली में रविवार को हुई भारी बारिश ने उत्तराखंड के कुंदन की जान ले ली। कुंदन मार्च में दिल्ली पैसे कमाने आया था और प्रत्येक रात वह अपने टेंपू रिक्शा में सोता था, लेकिन रविवार को हुई भारी बारिश की वजह से वह सड़क पर भरे पानी से खुद को बचा नहीं पाया। बारिश के पानी में दिल्ली के मुख्य क्षेत्र में एक बड़ी डीटीसी बस को भी पूरी तरह से डूबा देखा गया।

उसके परिवार ने सवाल करते हुए कहा, “यह कोई गांव का इलाका नहीं था, यह कोई गांव या मुफस्सल नहीं था। यह दिल्ली थी, जहां उसका टेंपू उसकी कब्रगाह बन गया।”

टेंपू बनी कब्रगाह-

56 वर्षीय कुंदन मार्च में लॉकडाउन लागू होने से पहले उत्तराखंड से यहां आया था और काम के बाद भी टेंपू को ही उसने अपना आशियाना बना लिया था।

उसके परिवार के एक सदस्य ने कहा, “अब उसकी 21 व 12 वर्ष की बेटियां उसे कभी नहीं देख पाएंगी। पिथौड़ागढ़ निवासी कुंदन दिल्ली पैसे कमाने आया था और अपने रिश्तेदार का टेंपू चलाता था।”

रविवार रात को यहां के मिंटो ब्रिज अंडरपास में जलजमाव हो गया। उसे बचाने गए दमकलकर्मी ने कहा कि उसका टेंपू फंस गया था और काफी कोशिशों के बाद भी वह बाहर नहीं निकल पाया।

दमकल विभाग ने एक बस चालक और एक कंडक्टर को बचा लिया, लेकिन ऑटो ड्राइवर को बचाया नहीं जा सका। जब पानी का स्तर कम हो गया तो उसके शव को बाहर निकाला गया।

सरकार से मांगा जवाब-

मृतक के रिश्तेदार प्रीतम सिंह ने कहा, “यह पहली बार नहीं है कि मिंटो ब्रिज अंडरपास में पानी जमा हो गया। प्रशासन, सरकार कोई भी कदम उठाने में विफल रही। नतीजा यह हुआ कि कुंदन मारा गया। अब उसकी दो बेटी को कौन देखेगा, जिसमें से एक की उम्र विवाह के लायक है।”

कुंदन प्रीतम का ही ऑटो बीते चार माह से चला रहा था। प्रीतम ने कहा कि मैं सरकार से जवाब चाहता हूं।

एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “एक व्यक्ति कुंदन टाटा एस से आज सुबह नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से कनॉट प्लेस जा रहा था। पूरी रात की बारिश की वजह से मिंटो रोड में पानी जमा हो गया था। उसने पानी से भरे अंडरपास में से अपने वाहन को निकालने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह सफल नहीं हो सका।”

डूबने से हुई मौत-

उन्होंने कहा, “ऐसा लगता है कि उसकी डूबने से मौत हो गई। कोई भी बाहरी चोट के निशान नहीं हैं।”

प्रीतम के अनुसार, कुंदन उसके टेंपू में महीनों से सोता था। टेंपू का प्रयोग सीआरपीएफ के लिए कैंटीन का समान पहुंचाने के लिए किया जाता था। वह टेंपू में सोया करता था।

हर साल बारिश की वजह से मिंटो रोड अंडरपास में जलजमाव वाली स्थिति पैदा हो जाती है।

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