केरल सरकार ने CAA को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, ऐसा करने वाला पहला राज्य
नागरिकता संशोधन कानून लागू किए जाने के बाद भी देश के कई हिस्सों में इसका विरोध जारी है। इसी क्रम में केरल सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम को चुनौती देते हुए सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया है।
शीर्ष अदालत में दायर एक मुकदमे में, केरल सरकार ने यह घोषणा करने की मांग की है कि सीएए 2019 अनुच्छेद 14 (कानून से पहले समानता), 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का संरक्षण) और 25 (अंतरात्मा की स्वतंत्रता और मुक्त पेशे) का उल्लंघन है। साथ ही धर्मनिरपेक्षता के मूल सिद्धांत का उल्लंघन इसमें निहित है।
पिछले साल दिसंबर के अंत में केरल विधानसभा ने नागरिकता संशोधन कानून को भंग करने का प्रस्ताव पारित किया था। इसमें केंद्र से इस कानून को लागू नहीं करने की मांग की गई थी। इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने पेश किया था।
बता दें कि सीएए भारत में रह रहे पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करता है।
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