राम मंदिर पर बयान से असहज हुई JDU पार्टी

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एनडीए में रहकर भी जेडीयू हमेशा से अपनी छवी एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी के तौर बनाए रखने की कोशिश करती है। साथ ही राम मंदिर के मुद्दे पर जेडीयू हमेशा से खुद को सॉफ्ट स्टैंड पर रखा है। लेकिन यह पहली बार है कि जेडीयू नेता ने राम मंदिर को लेकर बयान दिया गया है। हालांकि, पार्टी इस बयान से असहज हो गई है।

राम मंदिर को लेकर बड़ा बया

दरअसल, जेडीयू के वरीष्ठ नेता पवन वर्मा ने राम मंदिर को लेकर बड़ा बयान दिया है। हालांकि, इस बयान के बाद जेडीयू में भी थोड़ी खलबली मच गई है, क्योंकि राम मंदिर के मुद्दे पर नीतीश कुमार हमेशा से सॉफ्ट कॉर्नर में दिखे हैं। लेकिन पवन वर्मा के बयान से जेडीयू थोड़ी असहज हो गई है।

खबरों के अुनसार, जेडीयू वरीष्ठ नेता पवन वर्मा ने कहा है कि वह हिंदू हैं और अगर राम मंदिर बनता है तो उन्हें काफी खुशी होगी। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर राम मंदिर बनाता है तो इससे देश का हित होगा साथ ही लाखों-करोड़ों हिदुंओं को भी लाभ मिलेगा।

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उनका मानना है कि इस मसले को सुप्रीम कोर्ट की बजाय आपस में बातचीत कर ही हल कर लिया जाना चाहिए। वहीं, पवन वर्मा ने बयान देते हुए कहा कि राम मंदिर को अयोध्या में हर हाल में बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयोध्या के विवाद से अब निकलने की जरूरत है। हालांकि उन्होंने कहा कि मंदिर का निर्माण जबरदस्ती नहीं होना चाहिए।

वहीं, उन्होंने कहा कि राम मंदिर का निर्माण आम जनता की सहमति से होनी चाहिए। यह किसी के जबरदस्ती से नहीं हो सकता है और ऐसे में जेडीयू भी इसका समर्थन करेगी। मैं एक हिंदू हू्ं, इसलिए अगर अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होता है तो काफी खुशी होगी।

जेडीयू नेता खुद को महसूस कर रहे थे असहज

हालांकि, जेडीयू नेता पवन वर्मा के इस बयान के बाद पार्टी खुद को असहज महसूस कर रही है। इसलिए पार्टी की ओर से प्रतिक्रिया आने लगी है। जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि राम मंदिर पर हमारी पार्टी का स्टैड पहले ही क्लियर है। पवन वर्मा बौद्धिक विस्फोट कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह मसला दोनों पक्षों की सहमति से तय हो, या सुप्रीम कोर्ट की बात मानी जाए।

नीरज कुमार ने कहा कि राम मंदिर पर पवन वर्मा का बयान उनका व्यक्तिगत विचार है। इससे पार्टी का कोई लेना देना नहीं है। वहीं, जेडीयू महासचिव श्याम रजक ने भी कहा कि पवन वर्मा को इस मुद्दे को छोड़ किसी अन्य मुद्दे पर बात करनी चाहिए। जो मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, उस पर बहस करने की जरूरत ही नहीं है।

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उन्होंने कहा कि जब वह राज्यसभा के सदस्य थे तब उन्हें इस मुद्दे पर बोलना चाहिए। अब इस मुद्दे पर बोलने की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्हें इस दो पक्षों के बीच में आने की जरूरत नहीं है। जब सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित है।

आपको बता दें कि पवन वर्मा कई मौकों पर पार्टी लाइन से हटकर बयान दिया है। जिससे उनके बयान पर जेडीयू पार्टी को खुद सफाई देनी पड़ी है। इससे पहले भी उन्होंने चुनाव आयोग की आलोचना की थी, जिसके बाद केसी त्यागी को सफाई देते हुए कहना पड़ा था कि उनके बयान से पार्टी का कोई लेना देना नहीं है। साभार

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