‘जामा मस्जिद पाकिस्तान में नहीं, जो वहां नहीं कर सकते प्रदर्शन’

0
—कोर्ट की दिल्ली पुलिस को फटकार
चंद्रशेखर की गिरफ्तारी के मामले में अदालत ने दिल्ली पुलिस को कड़ी फटकार लगायी है। यह मामला भीम आर्मी को लेकर आया है।

चंद्रशेखर आजाद के खिलाफ कोई सबूत नहीं

दिल्ली की एक अदालत ने भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद के खिलाफ कोई सबूत नहीं दिखा पाने को लेकर मंगलवार को दिल्ली पुलिस की खिंचाई की और कहा कि लोग सड़कों पर इसलिए हैं क्योंकि जो चीजें संसद के अंदर कही जानी चाहिए थी, वे नहीं कही गईं।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कामिनी लाऊ ने कहा कि दिल्ली पुलिस ऐसे बर्ताव कर रही है जैसे कि जामा मस्जिद पाकिस्तान है और यदि ऐसा है तो भी कोई भी व्यक्ति वहां शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर सकता है। न्यायाधीश ने कहा कि पाकिस्तान एक समय अविभाजित भारत का हिस्सा था। अदालत की टिप्पणी आजाद की जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान आई। आजाद को पुरानी दिल्ली के दरियागंज में सीएए विरोधी प्रदर्शन से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार किया गया था।

जामा मस्जिद पाकिस्तान में नहीं

न्यायाधीश ने कहा, ‘संसद के अंदर जो बातें कही जानी चाहिए थीं, वे नहीं कही गईं। यही वजह है कि लोग सड़कों पर उतर गए हैं। हमें अपना विचार व्यक्त करने का पूरा हक है लेकिन हम देश को नष्ट नहीं कर सकते।’ अदालत ने कहा कि आप ऐसे बर्ताव कर रहे हैं जैसे जामा मस्जिद पाकिस्तान हो और यदि वह पाकिस्तान है तो भी आप वहां जा सकते हैं और प्रदर्शन कर सकते हैं। पाकिस्तान अविभाजित भारत का हिस्सा था।

अदालत ने पुलिस के जांच अधिकारी से उन सारे सबूतों को पेश करने को कहा जो दर्शाते हों कि आजाद जामा मस्जिद में सभा को कथित रूप से भड़काऊ भाषण दे रहे थे। जांच अधिकारी से ऐसा कानून भी बताने को कहा गया जिससे पता चले कि सभा असंवैधानिक थी। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख बुधवार तय की।

पूछा क्या आपने संविधान पढ़ा है

सुनवाई के दौरान पुलिस ने कहा कि उसके पास सबूत के तौर पर बस सभा की ड्रोन तस्वीरें हैं, अन्य कोई रिकार्डिंग नहीं है। इस पर न्यायाधीश ने कहा, ‘क्या आप सोचते हैं कि दिल्ली पुलिस इतनी पिछड़ी है कि उसके पास किसी चीज की रिकार्डिंग करने के यंत्र नहीं हैं?’

अदालत ने कहा कि मुझे कुछ ऐसी चीज या कानून दिखाइए जो ऐसी सभा को रोकता हो… हिंसा कहां हुई? कौन कहता है कि आप प्रदर्शन नहीं कर सकते… क्या आपने संविधान पढ़ा है। प्रदर्शन करना किसी भी व्यक्ति का संवैधानिक अधिकार है।

प्रदर्शन करने में गलत क्या है

दरियागंज में भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर के नेतृत्व में हो रहे प्रदर्शन को लेकर अदालत ने कहा कि चंद्रशेखर आजाद एक उभरते हुए नेता हैं। अगर वो प्रदर्शन कर रहे हैं, तो इसमें गलत क्या है। मामले की सुनवाई कर रहे जज ने कहा कि मैंने कई मामले ऐसे देखे हैं जिनमें लोग संसद के बाहर भी प्रदर्शन करते हैं।  एजेंसी

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More