ईरान राष्ट्रपति : इस तरह की गुस्ताखी बर्दाश्त नहीं …

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ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने अमेरिकी प्रतिबंधों को “आर्थिक आंतकवाद” बताते हुये शनिवार को विभिन्न देशों से यात्रा पर आये अधिकारियों से संयुक्त मोर्चे को बढ़ाना देने का आग्रह किया।

अमेरिका ने ईरान के साथ 2015 में हुये परमाणु समझौते से खुद को अलग करते हुये उस पर एक बार फिर से कड़े प्रतिबंध लगा दिये। रूहानी ने टेलीविजन पर प्रसारित भाषण में कहा, “ईरान जैसे सम्माननीय देश के खिलाफ अमेरिका के अन्यायपूर्ण और गैर-कानूनी प्रतिबंध स्पष्ट रूप से आतंकवाद का उदाहरण है।

रूहानी ने आतंकवाद एवं क्षेत्रीय सहयोग पर आयोजित सम्मेलन में यह बात कही। सम्मेलन में अफगानिस्तान, चीन, पाकिस्तान, रूस और तुर्की के संसद अध्यक्षों ने शिरकत की। उन्होंने कहा, “हम हमले का सामना कर रहे हैं जो कि न सिर्फ हमारी आजादी और पहचान के लिए खतरा है बल्कि हमारे लंबे समय से चले आ रहे संबंधों को नुकसान पहुंचा रहा है।

हम सभी को इससे नुकसान होता है…

उन्होंने कहा, “जब वे चीन के व्यापार पर दबाव डालते हैं, हम सभी को इससे नुकसान होता है। जब तुर्की को सजा दे रहे हैं तो हम सबको सजा मिल रही है। किसी भी समय जब वे रूस को धमकी देते हैं हम सबको अपनी सुरक्षा खतरे में लगती है।” रूहानी ने कहा, “जब वे ईरान पर प्रतिबंध लगाते हैं तो वे हम सभी को अंतरराष्ट्रीय व्यापार, ऊर्जा सुरक्षा और सतत विकास से वंचित करते हैं।

वास्तव में वह हम सब पर प्रतिबंध लगाते हैं।” ईरान के राष्ट्रपति ने कहा, “हम यहां यह कहने के लिये हैं कि हम इस तरह की गुस्ताखी को बर्दाश्त नहीं करेंगे।” उन्होंने यूरोप से भी कहा कि वह अमेरिकी प्रतिबंधों को नजरंदाज करते हुये ईरान के साथ व्यापार संबंध बनाये रखे। अमेरिका के ईरान के साथ परमाणु समझौते से हटते समय यूरोपीय देशों ने उसका कड़ा विरोध किया था।

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