महिला विश्वकप: 12 साल बाद ऑस्ट्रेलिया से बदला लेकर फाइनल में पहुंचा भारत

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महिला विश्वकप के सेमीफाइनल मुकाबले में भारतीम टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 36 रनों से हराकर फाइनल में प्रवेश कर लिया है। फाइनल में भारतीय टीम का मुकाबला इंग्लैड से होगा। बता दें कि आज से ठीक 12 साल पहले विश्वकप के फाइनल में भारत को हराकर ऑस्ट्रेलिया ने करोड़ों हिन्दुस्तानियों का दिल तोड़ दिया था, लेकिन इस बार विश्वकप में भारत की बेटियों ने ऑस्ट्रेलियाई टीम को 36 रनों से करारी मात देकर वो बदला पूरा कर लिया है।

इस मैच में हरमनप्रीत कौर के तूफानी बल्लेबाजी और गेंदबाजों की शानदार गेंदबाजी से भारत ने मौजूदा चैंपियन आस्ट्रेलिया को 36 रन से हराकर फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली। फाइनल मुकाबला रविवार को लाड्र्स में मेजबान इंग्लैंड से होगा।

इस शानदार जीत में अहम भूमिका हरमनप्रीत ने निभाया। उन्होंने महिला वनडे इतिहास की सर्वश्रेष्ठ पारी खेली। हरमनप्रीत ने 115 गेंदों पर 20 चौकों और सात छक्कों की मदद से नाबाद 171 रन बनाये। हरमनप्रीत की इस पारी की मदद से बारिश के कारण 42 ओवरों के कर दिये गये मैच में भारत ने चार विकेट पर 281 रन बनाये। आस्ट्रेलिया की टीम इसके जवाब में 40.1 ओवर में 245 रन पर ऑलआउट हो गयी।

भारत दूसरी बार विश्व कप के फाइनल में पहुंचा है। पहली बार उसने 2005 में विश्व कप के फाइनल में जगह बनाई थी, जहां आस्ट्रेलिया ने उसे खिताब जीतने से रोक दिया था। सेमीफाइनल मुकाबले में हरमनप्रीत ने खराब शुरुआत से टीम को निकालते हुए 115 गेंदों में 20 चौके और सात छक्कों की मदद से तूफानी पारी खेली। धीमी शुरुआत करने वाली इस खिलाड़ी ने कप्तान मिताली राज (36) और दीप्ति शर्मा (25) के साथ दो अहम साझेदारी करते हुए टीम को विशाल स्कोर तक पहुंचाया।

लक्ष्य का पीछा करने उतरी मौजूदा विजेता कहीं भी भारतीय गेंदबाजों के सामने नहीं टिकीं। उसने 21 रनों पर ही अपने तीन विकेट खो दिए थे। निकोले बोल्टन (14), बेथ मूनी (1) और कप्तान मेग लेनिंग बिना खाता खोले पवेलियन लौट गई थीं। यहां से एलिस पैरी (38) और एलिस विलानी (75) ने तीसरे विकेट के लिए 105 रनों की साझेदारी करते हुए टीम के जीतने की उम्मीदों को जिंदा रखा। राजेश्वारी गायकवाड ने इस साझेदारी को 126 के कुल स्कोर पर तोड़ा। विलानी 58 गेंदों में 13 चौके मारने के बाद पवेलियन लौट गई थीं।

पैरी को 140 के कुल स्कोर पर शिखा पांडे ने आउट किया। यहां से भारतीय गेंदबाज एक बार फिर आस्ट्रेलिया पर हावी हो गईं और 169 रनों पर ही उसके नौ विकेट गिरा दिए। जीत करीब लग रही थी, लेकिन इसी बीच एलेक्स ब्लैकवेल ने मैच में रोमांचक मोड़ ला दिया। उन्होंने तेजी से रन बटोरने शुरू किए और अंत में 56 गेंदों में तीन छक्के और 10 चौकों की मदद से 90 रनों की पारी खेल टीम को जीत दिलाने की भरपूर कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो सकीं। उन्होंने कस्टर्न बीम्स (नाबाद 11) के साथ दसवें विकेट के लिए 76 रन जोड़े।

ब्लैकवेल के रूप में आस्ट्रेलिया का आखिरी विकेट गिरा। दीप्ति ने उन्हें बोल्ड कर भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई। भारत की तरफ से दीप्ति ने सबसे ज्यादा तीन विकेट लिए। झूलन गोस्वामी और शिखा ने दो-दो विकेट लिए। राजेश्वरी गायकवाड़ और पूनम यादव को एक-एक विकेट मिला।

इसस पहले, टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम अच्छी शुरुआत नहीं मिली। स्मृति मंधाना (6) ने बल्ले से एक बार फिर नाकाम रहीं। वह पहले ही ओवर की आखिरी गेंद पर छह रनों के कुल स्कोर पर आउट हो गईं। पूनम राउत (14) भी कुछ खास नहीं कर पाईं और 35 के कुल स्कोर पर पवेलियन लौट गईं। इसके बाद हरमनप्रीत और कप्तान मिताली ने टीम को संभाला और तीसरे विकेट के लिए 66 रनों की साझेदारी करते हुए सौ का आंकड़ा पार कराया।

मिताली 101 के कुल स्कोर पर आउट होकर पवेलियन लौट गईं। दूसरे छोर पर खड़ी हरमनप्रीत को इसके बाद दीप्ति शर्मा का साथ मिला। दोनों ने मिलकर चौथे विकेट के लिए 137 रन जोड़े। इस जोड़ी ने धीमी शुरुआत के बाद लय पकड़ी और फिर टीम को मजबूत स्कोर प्रदान किया। हालांकि इस दौरान हरमनप्रीत तेजी से रन बनाती दिखीं जबकि दीप्ति ने उनका अच्छा साथ दिया और स्ट्राइक रोटेट करती रहीं। उन्होंने 35 गेंदों में 25 रन बनाए और सिर्फ एक चौका मारा।

इस जोड़ी को विलानी ने 238 के कुल स्कोर पर तोड़ा। इसके बाद वेदा कृष्णामूर्ति ने हरमनप्रीत का अच्छा साथ दिया। इस जोड़ी ने चार ओवरों के बल्लेबाजी पावरप्ले में 57 रन जोड़ आस्ट्रेलिया को विशाल लक्ष्य दिया। आस्ट्रेलिया की तरफ से मेगन शट, एशेल गार्डनर, कर्स्टन बीम्स, विलानी ने एक-एक विकेट लिया।

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