बाढ़ के कहर से लाखों लोग मुश्किल में, राहत और बचाव कार्य जारी
देश के कई क्षेत्रों में बाढ़ के कहर से लाखों लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है वहीं शासन-प्रशासन की तरफ से राहत और बचाव के लिये भी गंभीर प्रयास जारी हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में बिहार, असम, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर के राज्य शामिल हैं।
सबसे पहले बात करते हैं बिहार की। बिहार में लगभग 9 जिले बाढ़ से बुरी तरह बेहाल हैं। राज्य में कई लोगों की मौत के साथ ही 18 लाख लोग बाढ़ की विभिषिका से प्रभावित हैं। नेपाल की सीमा से लगे क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश से राज्य की पांच नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
वहीं असम में आई बाढ़ की स्थिति और गंभीर होती जा रही है। राज्य में बाढ़ से कई लोगों के मरने के साथ ही इस प्राकृतिक आपदा से 28 जिलों के लगभग 26 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। बाढ़ से प्रभावित 28 जिलों में बारपेटा जिला सबसे ज्यादा प्रभावित है।
गुवाहाटी, निमातीघाट, सोनिपुर, गोअल्परा और धुबरी में ब्रह्मपुत्र नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। ब्रह्मपुत्र नदी की बढ़ती जल धाराओं ने अपनी चपेट में राष्ट्रीय राजमार्ग 37 को भी ले लिया। प्रसिद्ध काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान का 70 फीसदी हिस्सा भी बाढ़ से प्रभावित हुआ है।
उधर देश के उत्तर पूर्व के कई राज्य बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं। मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा में बाढ़ से हज़ारों लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई लोगों के मरने की खबर के साथ ही कई इलाकों में बड़े पैमाने पर तबाही हुई है। दक्षिण मिजोरम के एक सीमावर्ती लुसली जिले के तलबुंग शहर का भूस्खलन के कारण राज्य के बाकी हिस्सों से सम्पर्क कट गया है।
वहीं लगातार बारिश से उत्तरी बंगाल में निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन होने का खतरा बढ़ गया है। लगातार बारिश से राज्य के दार्जिलिंग, कलिंमपोंग, जलपाइगुड़ी, कूचबिहार, अलीपुरदुआर जिलों में हालात ज्यादा खराब है।
वहीं उत्तराखंड के चंपावत जिले में रुक रुक हो रही आफत की बारिश का सबसे ज्यादा असर नेशनल हाइवे पर पड़ा है। इस बीच लंबे समय से बारिश का इंतजार कर रहे दिल्ली के लोगों का इंतजार सोमवार को खत्म हो गया और लोगों को गर्मी और उमस से राहत मिली।
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